नयी दिल्ली: सरकार डिजिटल इंडिया विधेयक के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 500 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव कर सकती है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। केंद्र प्रस्तावित विधेयक के तहत साइबर सुरक्षा को बढ़ाने के लिये किसी भी डिजिटल प्रणाली में उत्पन्न, प्रसारित, प्राप्त या पहले से रखे गये आंकड़ों की निगरानी और उसे संग्रह करने के लिये किसी भी सरकारी एजेंसी को अधिकृत कर सकता है।
इस पहल का मकसद मालवेयर (नेटवर्क को नुकसान पहुंचाने वाना सॉफ्टवेयर) या वायरस के घुसपैठ या उसे फैलने से रोकना है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय डिजिटल इंडिया विधेयक के मसौदे पर काम कर रहा है। यह मौजूदा आईटी अधिनियम का स्थान लेगा, जो इंटरनेट के शुरुआती दिनों में 22 साल से अधिक समय पहले लागू किया गया था।
सूत्र के मुताबिक, ‘‘डिजिटल इंडिया विधेयक में प्रावधानों के उल्लंघन के लिये इकाइयों पर 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माने के प्रावधान हो सकता है।’’ उन्होंने कहा कि जुर्माने की राशि के बारे में निर्णय प्रस्तावित डिजिटल इंडिया प्राधिकरण करेगा। प्राधिकरण के पास ही शिकायतों के निपटान की जिम्मेदारी होगी। सूत्रों ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) के विकास के साथ उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए उभरती प्रौद्योगिकियों के विकास और उपयोग नियंत्रित करने के लिये विधेयक में प्रावधान लाये जाने की संभावना है।