समस्तीपुर : किसानों के लिए ‘ड्रोन पायलट’ की ट्रेनिंग शुरू

समस्तीपुर: बिहार में समस्तीपुर जिले के पूसा स्थित डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में पूर्वोत्तर भारत में पहली बार किसानों की सुविधा के लिए ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग की शुरुआत की गयी है।विश्वविद्यालय के कुलपति डा.पी. एस.पाण्डेय ने शुक्रवार को समस्तीपुर जिले के पूसा मे पत्रकारों को बताया कि ड्रोन कृषि क्षेत्र में विकास.

समस्तीपुर: बिहार में समस्तीपुर जिले के पूसा स्थित डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में पूर्वोत्तर भारत में पहली बार किसानों की सुविधा के लिए ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग की शुरुआत की गयी है।विश्वविद्यालय के कुलपति डा.पी. एस.पाण्डेय ने शुक्रवार को समस्तीपुर जिले के पूसा मे पत्रकारों को बताया कि ड्रोन कृषि क्षेत्र में विकास के लिए एक मजबूत कदम है। आने वाले समय में कृषि एवं खेती का स्वरुप बदलने वाला है। इसी को ध्यान में रखकर विश्वविद्यालय डिजिटल एग्रीकल्चर पर विशेष तकनीक विकसित कर रही है।

पाण्डेय ने बताया कि विश्वविद्यालय ने नये तकनीकों के माध्यम से खेती को विकसित करने के उद्वेश्य से ‘डिजिटल एग्रीकल्चर’ से सम्बंधित जल्द ही एक नया विद्यालय खोलने का निणर्य लिया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से विश्वविद्यालय में डिजिटल एग्रीकल्चर पर एक प्रयोगशाला की भी स्थापना की जायेगी जिसकी प्रक्रिया की जा रही है। कुलपति डा. पांडेय ने बताया कि प्रक्षिक्षण के बाद ड्रोन पायलट को लाइसेंस देने वाली केंद्र सरकार की एक मात्र संस्था डीजीसीए से भी लाइसेंस दिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पूरे देश मे डिजिटल एग्रीकल्चर मे लीड रोल अदा करना चाहता है इसके तहत ड्रोन रिपेयरिंग और मेंटेनेंस के लिए भी विश्वविद्यालय में जल्द ही प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरूआत की जायेगी। खेती को डिजिटल रूप से विकसित करने के लिए देश में करीब 10 लाख ड्रोन पायलट की आवश्यकता है।

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