नई दिल्ली: सिलिकोसिस के मरीजों के लिए यह बहुत खास खबर है, अब संदिग्ध सिलिकोसिस श्रमिकों की जांच एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तकनीक से हो सकेगी। इस तकनीक की खासियत यह है कि इसमें न सिर्फ समय कम लगेगा बल्कि इससे न्यूमोकोनोसिस बोर्ड पर दबाब भी कम होगा और पारदर्शिता अधिक रहेगी। इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं।
सिलिकोसिस पोर्टल पर एआई एप्लीकेशन का विकास किया गया है। इस एप्लीकेशन के माध्यम से नवीन सिलिकोसिस पोर्टल पर सिलिकोसिस प्रमाण-पत्र के लिए रेडियोलॉजिस्ट या मेडिकल ऑफिसर स्तर पर और जिला न्यूमोकोनोसिस बोर्ड के स्तर पर शुरू करने की प्रक्रिया को सुगम और अधिक दृश्यमान बनाया जा सकेगा।
एक्सरे जांच से ही पता लगेगा क्या है बीमारी:
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अनुसार, एआई तकनीक एक स्क्रीनिंग टूल के रूप में कार्य करेगा, जिसकी मदद से चेस्ट एक्स-रे की जांच की जाएगी। एआई तकनीक के द्वारा एक्स-रे की जांच होने के बाद वह सुझाव देगा कि क्या जिस व्यक्ति का एक्स-रे लिया गया है, उसे सिलिकोसिस की संभावना है या नहीं।