चंडीगढ़ (मोहित श्रीवास्तव)। राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत
मान को पत्र भेज कर कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को 21 दिसंबर 2023 को ट्रायल कोर्ट
द्वारा 2 साल की सजा सुनाए जाने के मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
राज्यपाल ने पत्र में सवाल भी उठाया है कि सजा होने के बाद किसी भी जनप्रतिनिधि को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति कैसे दी जा सकती है।
राज्यपाल पुरोहित ने पत्र में अमन अरोड़ा को ट्रायल कोर्ट द्वारा 2 साल की सजा सुनाए जाने और उच्च अदालत द्वारा इस सजा को लेकर किसी प्रकार का स्टे न दिए जाने का का जिक्र किया है। उन्होंने लिली थॉमस बनाम भारत संघ केस मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले का जिक्र किया जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि ट्रायल कोर्ट द्वारा कम से कम 2 साल की सजा सुनाए जाने पर विधानसभा सदस्य की सदस्यता समाप्त हो जाएगी।
राज्यपाल ने दिया लिली थॉमस बनाम भारत सरकार केस का हवाला
गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार केस पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखा है कि यदि किसी जनप्रतिनिधि को कोर्ट से 2 या 2 साल से अधिक की सजा कोर्ट से होती है तो उसकी सदस्यता तुरंत प्रभाव से रद हो जाती है।
उन्होंने लिखा है कि अभी कर सजा मिलने के बाद किसी ऊपरी अदालत ने उनकी सजा पर रोक नहीं लगाई है। पंजाब के कैबिनेट मिनिस्टर अमन अरोड़ा को 21 दिसंबर 2023 को अदालत ने दो साल की कठोर सजा सुनाई गई थी। उन्होंने कहा कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के वकील एचसी अरोड़ा की ओर से इसे लेकर एक नोटिस मिला है।
इस नोटिस में 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर अमन अरोड़ा के मंत्री की हैसियत से अमृतसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। राज्यपाल ने कहा कि गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण मौके पर एक सजायाफ्ता विधायक द्वारा राष्ट्रध्वज फहराना नैतिक और कानूनी, दोनों तरह से सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं होने से जुड़ा ये गंभीर मामला है। इस पूरे मुद्दे पर डिटेल रिपोर्ट मुझे भिजवाएं।