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मुझे कमजोर न समझना; कुछ लोग कद में बड़े लेकिन दिल के छोटे : राजा वड़िंग

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव के दौरे के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव के दौरे के दौरान प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर राजा वड़िंग और पूर्व प्रधान नवजोत सिद्धू में ठन गई है। सिद्धू ने नेताओं की काबिलियत पर सवाल खड़े किए तो राजा वड़िंग ने करारा जवाब दिया। अब राजा वड़िंग ने कहा है कि कोई भी कमजोर नहीं है। कोई किसी को कमजोर न समझे, कई बार जिसे कमजोर समझा जाता है, वह बड़ा टीका लगा देते हैं।

रंग में भंग नहीं डालना चाहिए। कोई ऐसा करेगा तो उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा। राजा वड़िंग सिद्धू पर आगे भी तंज कसने से नहीं चूके। वड़िंग ने सिद्धू की अलग रैलियों को लेकर कहा कि जो अध्यक्ष होता है, उसी के हिसाब से पार्टी का प्रोग्राम होना चाहिए। राजा वड़िंग का कद भले ही छोटा हो सकता है लेकिन मेरा दिल बड़ा है। मुझे किसी से इनसिक्योरिटी यानी असुरक्षा की भावना नहीं है।

कई लोग कद में बड़े हैं लेकिन उनके दिल छोटे हैं। वड़िंग ने कहा कि मंच पर चढ़कर कोई कांग्रेस वर्करों के खिलाफ बोलेगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी, इस चीज को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस इंचार्ज से मीटिंग में भी कई सीनियर नेताओं ने सिद्धू की अलग रैलियों का विरोध करते हुए इसे अनुशासनहीनता करार दिया।

सवेरा न्यूज/ मोहित (चंडीगढ़) : नवजोत सिंह सिद्धू के मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग करने वाले पार्टी के कई नेताओं ने कांग्रेस भवन से दूरी बनाए रखी। इन नेताओं ने पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के अलावा प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश कार्यकारी प्रधान भारत भूषण आशु ने कहा कि इस मामले में स्थिति स्पष्ट होनी चाहिए।

सिद्धू के मसले को लेकर नाराज चल रहे नेताओं का निशाना अब राजा वड़िंग पर है। राजा वड़िंग बतौर प्रदेश प्रधान अपने स्तर पर सिद्धू को किसी प्रकार का नोटिस देने से हिचक रहे हैं क्योंकि सिद्धू कहीं न कहीं पार्टी हाईकमान से जुड़े हैं।

राजा वड़िंग पहले ही मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के सामने फीके पड़ चुके हैं और ताजा हालात यह है कि अब वह सिद्धू के सामने भी उन्नीस पड़ने लगे हें क्योंकि उनके चहेते नेता इस मामले में उनके ढुलमुल रवैये से और अधिक नाराज हैं। इन नेताओं का कहना है कि जब मंगलवार को विधायक और 2022 के उम्मीदवारों की बैठक हुई थी, उस समय एक प्रस्ताव पारित कराकर हाईकमाना को क्यों नहीं भेजा गया।

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