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जमीन अधिग्रहण न होने से अटका लुधियाना-बठिंडा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे

लुधियाना में 45.24 किलोमीटर में से सिर्फ 3.2 किलोमीटर जमीन का हो सका अधिग्रहण, 42.04 किलोमीटर का अधिग्रहण बाकी

लुधियाना : भारतमाला प्रोजैक्ट के तहत लुधियाना-बठिंडा के बीच प्रस्तावित ग्रीन फील्ड सिक्स लेन एक्सप्रैस-वे के लिए जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण ही नहीं कर पाया। किसानों के अड़ियल रुख के कारण प्रशासन जबरन भूमि अधिग्रहण करने से कतरा रहा है और लुधियाना-बठिंडा ग्रीन फील्ड एक्सप्रैस-वे का काम अधर में लटका हुआ है। दिसंबर 2021 में प्रोजैक्ट पर काम शुरू होना था और मार्च 2024 में प्रोजैक्ट को कंप्लीट किया जाना था। जिला प्रशासन अगर समय पर जमीन अधिग्रहित करके नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप देता तो यह एक्सप्रैस-वे अब तक लगभग तैयार हो जाता लेकिन सच्चई यह है कि काम शुरू होना तो दूर अभी तक इस प्रोजैक्ट के लिए जमीन तक अधिग्रहित नहीं की गई।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की हाल ही में की गई घोषणा से फिर उम्मीद जगी है कि जल्दी ही इस प्रोजैक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रैस वे दिल्ली-अमृतसर कटड़ा एक्सप्रैस वे से शुरू होकर रायकोट-बरनाला से होते हुए बठिंडा के रामपुरफूल तक बनेगा। यहां यह एक्सप्रैस वे अमृतसरजामनगर एक्सप्रैस-वे से मिलेगा। इस एक्सप्रैस वे के निर्माण के लिए लुधियाना जिले की रायकोट तहसील में जमीन का अधिग्रहण होना है।

लुधियाना जिले में यह एक्सप्रैस वे 45.02 किलोमीटर लंबा बनेगा लेकिन अभी तक लुधियाना जिले में सिर्फ 3.2 किलोमीटर हिस्से पर ही जमीन का अधिग्रहण हो पाया। 42.04 किलोमीटर हिस्से के लिए जमीन अधिग्रहण किसानों के विरोध के कारण नहीं हो पाया। किसानों और प्रशासन के बीच मुआवजे की राशि को लेकर विवाद चल रहा है। जिला प्रशासन कई बार किसानों को कह चुका है कि वो एक बार मुआवजे की तय राशि ले लें और उसके बाद वो आर्बटिटर के पास मुआवजा बढ़वाने के लिए केस दायर करें। लेकिन किसान बिना मुआवजा राशि बढ़ाए अपनी जमीनें छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दो दिन पहले होशियारपुर में कहा था कि इस एक्सप्रैस वे का काम जल्दी शुरू होने वाला है, जिसके बाद प्रशासन ने फिर से किसानों के साथ जमीन अधिग्रहण के संबंध में संपर्क साधना शुरू कर दिया। वहीं पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने भी किसानों से अपील की है कि अगर उन्हें मुआवजे की राशि कम मिल रही है तो वो आर्बिटेटर के पास शिकायत करें और जमीन अधिग्रहण में प्रशासन को सहयोग करें।

2020 में पूरी हो गई थी टैंडर प्रक्रिया

नैशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने लुधियाना बठिंडा ग्रीन फील्ड एक्सप्रैस वे के लिए टैंडर प्रक्रिया 2020 के अंत तक पूरी कर दी थी। 2021 में एनएचएआई ने कंपनी को वर्कऑर्डर जारी कर काम सौंप दिया था। कंपनी ने 2021 के अंत तक निर्माण कार्य शुरू करना था। एनएचएआई ने जिला प्रशासन को तय मुआवजा राशि की रकम भी ट्रांसफर कर दी थी। किसानों ने मुआवजा राशि कम होने की बात कही तो केंद्र सरकार ने किसानों की सुनवाई के लिए डिवीजनल कमिश्नरों को बतौर आर्बटिेटर नियुक्त किया है।

जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों के साथ प्रशासन समय-समय पर बात कर रहा है। लुधियाना बठिंडा एक्सप्रैस वे के लिए एसडीएम रायकोट को भूमि अधिग्रहण अधिकारी नियुक्त किया गया है। किसानों को लगातार समझाया जा रहा है कि वो मुआवजा राशि लेकर आर्बटिेटर के पास अपने केस लगा सकते हैं। -गौतम जैन, एडीशनल डिप्टी कमिश्नर (जनरल)।

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