शिमलाः हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट के लिए सीधा मुकाबला होने की संभावना है क्योंकि भाजपा ने कांग्रेस सरकार के पूर्व मंत्री हर्ष महाजन को राज्य में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ मैदान में उतारा है। भाजपा के कदम ने सिंघवी के निर्विरोध राज्यसभा में निर्वाचित होने की कांग्रेस की आशा को धूमिल कर दिया। भाजपा ने बृहस्पतिवार को हर्ष महाजन का नाम घोषित किया जिन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की सदस्यता ली थी। महाजन ने राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल और अन्य पार्टी विधायकों की मौजूदगी में निर्वाचन अधिकारी को नामांकन पत्र सौंपा।
इस समय राज्य विधानसभा में 68 सीटों में से 40 के साथ कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत प्राप्त है, वहीं भाजपा के पास 25 सीट हैं और तीन सीटों पर निर्दलीय हैं। महाजन ने नामांकन दाखिल करने के बाद मीडियाकर्मियों से कहा, कि ‘हम चुनाव जीतने के लिए लड़ते हैं और मैंने भी जीतने के लिए नामांकन दाखिल किया है।’’ क्रॉस वोटिंग की संभावना के बारे में पूछे जाने पर महाजन ने कहा कि उन्हें संख्या बल की परवाह नहीं है। उन्होंने विश्वास जताया ‘अलग-थलग’ महसूस कर रहे कांग्रेस सदस्य अंतरात्मा की आवाज पर वोट देंगे और 27 फरवरी को स्थिति साफ हो जाएगी।
महाजन तीन बार 1993, 1998 और 2003 में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे। वह 1986 से 1995 तक प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा उम्मीदवार जीतेंगे क्योंकि बड़ी संख्या में कांग्रेस विधायक ‘सहज महसूस नहीं कर रहे हैं’ और वे ‘अंतरात्मा की आवाज पर वोट’ दे सकते हैं। कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में सिंघवी के नामांकन का जिक्र करते हुए ठाकुर ने कहा कि यह पार्टी का आंतरिक मामला है लेकिन बेहतर होता कि राज्य के ही किसी व्यक्ति को टिकट दिया जाता। वरिष्ठ कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में अपना नामांकन दाखिल किया।