दिल्ली/हरियाणा : हरियाणा की सीमाओं पर बैठे किसानों ने अब दिल्ली जाने का फैसला केंद्र सरकार के पाले में डाल दिया है। किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम दिल्ली तभी जाएंगे जब सरकार बंद सड़कें खोलेगी। सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हम 26 दिन से हरियाणा की सीमा पर बैठे हैं। ऐसे में हरियाणा सरकार ने हमारे लिए सारे रास्ते बंद कर दिए हैं। अब हमने फैसला किया है कि हम खनौरी और शंभू के बीच बॉर्डर पर तब तक बैठे रहेंगे जब तक केंद्र और हरियाणा सरकार हमारे लिए रास्ता नहीं खोल देती।
इससे साफ है कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों के लिए दिल्ली जाना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि केंद्र सरकार दावा कर रही है कि हम किसानों से अपील कर रहे हैं कि बैठक से ही मसले का हल निकलेगा। किसान एक बार फिर हमसे मिल सकते हैं। भारतीय किसान यूनियन दल्लेवाल और किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने 13 फरवरी को दिल्ली जाने का ऐलान किया था। 12 फरवरी को सभी किसान खनूरी और शंभू बॉर्डर पर पहुंच गए थे। किसानों के आगमन को देखते हुए हरियाणा सरकार ने भारी बैरिकेडिंग लगाकर दोनों बॉर्डर सील कर दिए हैं।
13 फरवरी को जैसे ही किसान शंभू और खनौरी से आगे बढ़ने लगे तो हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियां चलाईं। फिर किसानों ने अपना दिल्ली मार्च एक हफ्ते के लिए टाल दिया। इसके बाद उन्होंने 21 फरवरी को दिल्ली जाने का ऐलान किया, लेकिन किसान तब भी आगे नहीं बढ़ सके। अब किसानों ने फैसला किया है कि जब तक हरियाणा सरकार खुद सड़कें नहीं खोलती, हम तभी आगे बढ़ेंगे। नहीं तो शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे रहेंगे।