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केंद्र सरकार और राज्यों के बीच फंड को लेकर टकराव पर सुप्रीम कोर्ट चिंतित

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्यों के बीच फंड्स को लेकर तनातनी पर चिंता जताई है।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्यों के बीच फंड्स को लेकर तनातनी पर चिंता जताई है। कोर्ट ने दोनों को सलाह दी है कि प्रतिस्पर्धा करने के बजाय सहयोग की भावना से काम करना चाहिए। दरअसल, केंद्र से सूखा राहत का फंड जारी करने के लिए दिशा-निर्देश के लिए कर्नाटक सरकार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कर्नाटक ने बताया कि राज्य में सूखा राहत का फंड केंद्र द्वारा रिलीज नहीं किया जा रहा है।

कोर्ट में कर्नाटक सरकार की ओर से दायर याचिका में यह कहा गया कि केंद्र ने कई जिलों में सूखे के मद्देनजर कर्नाटक सरकार को वित्तीय सहायता नहीं दी है। राज्य, कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए बाध्य है क्योंकि धन वितरित करने में विफलता ने दक्षिणी लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। राज्य ने यह भी तर्क दिया कि केंद्र ने लगभग 6 महीने तक सूखे से संबंधित आपदा पर एक अंतर-मंत्रलयी टीम की रिपोर्ट पर अभी तक कार्रवाई नहीं की है।

राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्र को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के एक महीने के भीतर उस पर कार्रवाई करनी होगी। कोर्ट में केंद्र ने याचिका के समय पर सवाल उठाया और कहा कि कुछ दिनों में ही लोकसभा चुनाव हैं। राज्य को शीर्ष कोर्ट से पहले पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार से बात करनी चाहिए थी। हालांकि, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बैंच ने केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को निर्देश लेने के लिए 2 सप्ताह का समय दिया।

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