मुंबई : इंडियन फिल्म मेकर विवेक रंजन अग्निहोत्री, जो अपनी सच्ची कहानी कहने के डेडीकेशन के लिए जाने जाते हैं। वह अपनी आने वाली फिल्म “द दिल्ली फाइल्स” के लिए इंडिया में एक रिसर्च जर्नी पर निकले हैं। अग्निहोत्री ने केरल से कोलकाता और कोलकाता से दिल्ली तक की जर्नी तय की, ताकि वह अपनी फिल्म के लिए सही और जरूरी जानकारी हासिल कर सकें।
असलियत की खोज में अग्निहोत्री ने इतिहासकारों और लेखकों के साथ गंभीर बातचीत की, जिन्होंने ‘द दिल्ली फाइल्स’ में चित्रित घटनाओं पर जरूरी जानकारी और नजरिया पेश किया है। अग्निहोत्री की सच्चाई की खोज यही खत्म नहीं होती है, बल्कि उन्होंने अपनी फिल्म की कहानी में सच्चाई की हर एक परत जोड़ने के लिए मूल खानी से जुड़ी एतिहासिक घटाओं से जुड़ी 100 से ज्यादा किताबें और 200 से ज्यादा लेख पढ़ें हैं, जो उनकी फिल्म का आधार है।
विवेक रंजन अग्निहोत्री और उनकी टीम ने रिसर्च वर्क के लिए 20 राज्यों की यात्रा की है। इसके अलावा, उन्होंने 7000 से ज्यादा रिसर्च पेजेस और 1000 से ज्यादा आर्काइव्स पर स्टडी की है।
अग्निहोत्री का रिसर्च के लिए डेडीकेशन, सच और सटीकता के साथ हाइलाइट्स होने वाली फिल्म बनाने के उनके जुनून को दर्शाता है। ऐतिहासिक कहानी की जटिलताओं को समझने के लिए बहुत दूर तक जाकर, उन्होंने सुनिश्चित किया है कि ‘द दिल्ली फाइल्स’ इतिहास का एक अच्छी तरह से जानकारी देने वाला और शानदार चित्रण होगा।
‘द दिल्ली फाइल्स’ की मेगा अनाउंसमेंट ने सबमें फिल्म के लिए रुचि जगाने में सफलता हासिल की है। फिल्म के इर्द-गिर्द बहुत सारी बातें हो रही हैं और विवेक रंजन अग्निहोत्री के शानदार ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, किसी दमदार और जरूर फिल्म की उम्मीद विवेक रंजन अग्निहोत्री से की जा सकती है। विवेक रंजन अग्निहोत्री द्वारा द दिल्ली फाइल्स की रिसर्च में की गई बहुत सारी मेहनत और डेडीकेशन उनकी आर्ट के लिए कमिटमेंट को दर्शाता है, जिससे दर्शकों को एक दमदार और बेहद जुड़ाव महसूस कराने वाली फिल्म को उम्मीद है।