नई दिल्ली: वाधवानी फाउंडेशन ने शैक्षणिक इनोवेशन के व्यवसायीकरण में तेजी लाने के लिए वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने हेतु एआईसीटीई, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, आईआईटी हैदराबाद, आईआईएससी बैंगलोर और सी-कैम्प के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी का उद्देश्य भारतीय फैकल्टी, छात्रों और शोधकर्ताओं द्वारा किए जाने वाले शैक्षणिक और प्रयोगशाला अनुसंधान को वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोगों में परिवर्तित करना है, जिन्हें विभिन्न उद्योगों में बेचा, इस्तेमाल या क्रियान्वित किया जा सके।
भारत में वर्तमान में उच्च शिक्षा संस्थानों में शोध और प्रायोगिक विकास में लगे हुए शोधकर्ताओं का प्रतिशत एक प्रतिशत से भी कम है, और इनका योगदान भारत के सकल खर्च में केवल 9 प्रतिशत है। इस कारण भारतीय विश्वविद्यालय बाजार-संचालित इनोवेशन आउटपुट में पिछड़े हुए हैं। उत्कृष्टता केंद्र का उद्देश्य इस स्थिति को सुधारने और घरेलू अनुसंधान और खोजों में तेजी लाने का है।
यह केंद्र उन्नत एआई, सिंथेटिक बायोलॉजी एवं बायोइंजीनियरिंग, हेल्थटेक, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग, स्पेसटेक आदि जैसी उभरती टेक्नोलॉजी से समावेशी और न्यायसंगत समाधान प्रदान करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगा। साथ ही, यह उद्योग, विश्वविद्यालयों, अनुसंधान संस्थानों और सरकार के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा।
यह पहल नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के विज्ञान-संचालित विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों से जुड़े इनोवेशन को बढ़ावा देगी। इस प्रकार, यह केंद्र भारतीय अनुसंधान और इनोवेशन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जो न केवल देश के तकनीकी विकास को गति देगा, बल्कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी देश की स्थिति को मजबूत करेगा।