हाथरस: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हाथरस में भगदड़ की घटना के संबंध में शुक्रवार को कहा कि प्रशासन की ओर से चूक हुई थी। कांग्रेस नेता ने साथ ही कहा कि वह इसे ‘राजनीतिक’ रंग नहीं देना चाहते। राहुल ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पीड़ितों के लिए बिना किसी देरी के ‘अधिकतम मुआवजा’ जारी करने का भी आग्रह किया। हाथरस जिले के फुलरई गांव में 2 जुलाई को एक धाíमक कार्यक्रम के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए थे।
हाथरस में शुक्रवार सुबह पीड़ित परिवारों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में गांधी ने कहा, ‘यह दुख की बात है कि इतने परिवारों को कष्ट सहना पड़ा, इतने लोगों ने अपनी जान गंवा दी।’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैं राजनीतिक नजरिए से बात नहीं करना चाहता, लेकिन प्रशासन की ओर से कुछ चूक हुई है। गलतियां हुई हैं और उनकी पहचान की जानी चाहिए।’ राहुल ने कहा कि पीड़ित परिवारों के लिए यह कठिन समय है और उन्हें जल्द से जल्द मुआवजा चाहिए क्योंकि वे गरीब हैं।
राहुल ने यह भी कहा कि उन्होंने (मृतकों) परिवार के सदस्यों के साथ ‘व्यक्तिगत तौर पर’ बातचीत की। हाथरस में पीड़ित परिवारों से मुलाकात से पहले राहुल ने अलीगढ़ में भी पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। वहीं, मामले की जांच कर रही यूपी सरकार की एसआईटी ने अब तक 90 बयान दर्ज किए हैं। एसआईटी के प्रमुख अनुपम कुलश्रेष्ठ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी गई है, जबकि विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है। पुलिस जांच की स्थिति के बारे में अधिकारी ने कहा कि अधिक सबूत सामने आने के बाद जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है।
इस बीच मामले के मुख्यारोपी देव प्रकाश मधुकर को एटा जिले के शीतलपुर ब्लॉक में तकनीकी सहायक के पद से हटा दिया गया है। वह 2010 से अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) पर 20 पंचायतों में मनरेगा कार्यो की देखरेख कर रहे थे। शीतलपुर के ब्लॉक डिवैल्पमैंट ऑफिसर दिनेश शर्मा ने बताया कि एफआईआर में मधुकर का नाम मुख्यारोपी के रूप में दर्ज है। हाथरस पुलिस ने उस पर एक लाख रुपए का ईनाम भी घोषित किया है। इसके बाद उसे पद से हटाने और उसकी संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू की गई। उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।