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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /var/www/dainiksaveratimescom/wp-includes/functions.php on line 6114गोरखपुर। चिकित्सा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में गोरखपुर के नाम आज एक और उपलब्धि जुड़ गई। गोरखपुर में निजी क्षेत्र के पहले विश्वविद्यालय महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम के मेडिकल कॉलेज (श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर) को नेशनल मेडिकल कॉउंसिल से एमबीबीएस पाठ्यक्रम मान्यता प्राप्त हो गई है। इसी सत्र से यहां नीट काउंसलिंग के जरिये एमबीबीएस कोर्स में दाखिला और पढ़ाई प्रारंभ हो जाएगी। यह विश्वविद्यालय महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की तरफ से संचालित है और मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ इसके कुलाधिपति हैं।
महज तीन साल की अपनी प्रगति यात्रा में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने कई स्वर्णिम उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। नर्सिंग, पैरामेडिकल, फार्मेसी के तमाम रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के साथ ही यहां गुरु श्री गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के अंतर्गत 2021 से ही बीएएमएस का पाठ्यक्रम संचालित है। इस बीच आज नेशनल मेडिकल काउंसिल ने विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज (श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर) को एमबीबीएस की मान्यता भी प्रदान कर दी है। पहले सत्र के लिए यहां 50 एमबीबीएस सीटों के लिए मान्यता मिली है। एमबीबीएस की मान्यता मिलने पर विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी एवं कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने विश्वविद्यालय परिवार एवं पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यह समूचे पूर्वांचल के युवाओं के लिए बड़ी सौगात है।
कुलपति एवं कुलसचिव ने बताया कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का मेडिकल कॉलेज तीन चरणों में बनकर तैयार होगा। पहले, दूसरे और तीसरे चरण में 600-600 यानी कुल 1800 बेड का अस्पताल बनेगा। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय में स्थापित यह मेडिकल कॉलेज गोरक्षपीठाधीश्वर एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है। कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव के अनुसार पहले वर्ष इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की 50 सीटों पर प्रवेश लिया जाएगा।
गोरखपुर, बस्ती, बिहार और नेपाल के लाखों लोगों को होगा लाभ
गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध होगी बल्कि गोरखपुर-बस्ती-आजमगढ़ मंडल से लेकर पश्चिमी बिहार और नेपाल की तराई तक के लोगों को 1800 बेड का अत्याधुनिक सुपरस्पेशलिटी सुविधाओं से लैस चौबीसों घंटे सेवा देने वाला एक नया अस्पताल भी मिल जाएगा। कुलपति डॉ. वाजपेयी ने बताया कि यह वाराणसी और लखनऊ के बाद गोरखपुर में निजी क्षेत्र का पहला मेडिकल कॉलेज होगा। साथ ही एम्स गोरखपुर और बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के बाद शहर का यह तीसरा बड़ा चिकित्सा संस्थान होगा। विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. यूपी सिंह सहित सभी सदस्यों, भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह आदि ने प्रसन्नता व्यक्त की है।
डॉ संजय माहेश्वरी की अध्यक्षता में गठित है अंतरराष्ट्रीय स्तर की कमेटी
कुलसचिव डॉ राव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना और रोल मॉडल के रूप में इसके विकास के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की दो कमेटियां सहयोग दे रही हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर की कमेटी प्रख्यात कैंसर रोग विशेषज्ञ एवं बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के मेडिकल डायरेक्टर डॉ संजय महेश्वरी की अध्यक्षता में बनाई गई है। इसमें एम्स नई दिल्ली के डॉ संजीव सिनहा, भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ जीएन सिंह, यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के डॉ राघवेंद्र राव, डॉ असिथ मैली पिट्सबर्ग और डॉ केशव दास सदस्य के रूप में शामिल हैं। यह कमेटी मुख्य रूप से देश के भीतर और बाहर स्थित समक्ष संस्थाओं के साथ अकादमिक सहयोग स्थापित करने के लिए काम करेगी। इस समिति में कुलसचिव सदस्य सचिव के रूप में रहेंगे। इसके साथ ही बनाई गई प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट में कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी अध्यक्ष, कर्नल (डॉ) राजेंद्र चतुर्वेदी संयोजक, डॉ. आर चंद्रशेखर प्रिंसिपल आर्किटेक्ट, जीएन सिंह, डॉ संजय माहेश्वरी, ब्रिगेडियर दीप ठाकुर, आर्किटेक्ट आशीष श्रीवास्तव, आरडी पटेल, वरुण भार्गव, राजेश सिंह, एसके सिंह, एके श्रीवास्तव शामिल हैं।
तत्कालीन राष्ट्रपति ने किया था विश्वविद्यालय का उद्घाटन
उल्लेखनीय है कि महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय का उद्घाटन 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। अब मेडिकल कॉलेज के जरिये 1800 बेड के अत्याधुनिक अस्पताल का सपना भी साकार हो रहा है। पहले सत्र में 50 सीटों के साथ शुरू हो रहे मेडिकल कॉलेज के पास 450 बेड का गोरखनाथ चिकित्सालय पहले से है। जल्द ही इसमें 1800 बेड का नया अस्पताल भी जुड़ जाएगा जिसके आधार पर आगामी सत्रों में मेडिकल कॉलेज में सीटों का विस्तार होगा।