Budget 2024 : पंजाबियों को निराशा, केंद्र सरकार ने दिखाया सौतेला व्यवहार : Raja Warring

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के केंद्रीय बजट की घोषणा की हैं। बजट पूरा होने के तुरंत बाद पंजाब के सांसदों ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने पंजाब के लिए कोई विशेष उल्लेख या घोषणा न किए जाने पर निराशा व्यक्त की.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के केंद्रीय बजट की घोषणा की हैं। बजट पूरा होने के तुरंत बाद पंजाब के सांसदों ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने पंजाब के लिए कोई विशेष उल्लेख या घोषणा न किए जाने पर निराशा व्यक्त की हैं। कांग्रेस सांसदों ने संसद के बाहर केंद्र सरकार और वित्त मंत्री के बजट के विरोध में नारे लगाए।वहीं, शिअद सांसद हरसिमरत बादल ने इसे ‘सरकार का उद्धारक बजट’ बताया है। उन्होंने फसलों के लिए एमएसपी को वैध बनाने के लिए एक निजी विधेयक भी पेश किया और सभी से इसका समर्थन करने का आग्रह किया।

कांग्रेस सांसदों ने एनडीए सरकार को पंजाब के साथ विश्वासघात करने वाली सरकार बताया। लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भाजपा को पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार करने वाली सरकार बताया। एक्स पर एक पोस्ट में राजा वारिंग ने कहा, “वित्त मंत्री के बजट प्रस्तावों को सुनकर निराशा हुई। पंजाबियों को पीएम माेदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से बहुत उम्मीदें थीं। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में एक बार भी पंजाब का जिक्र नहीं किया। देश का अन्नदाता पंजाब हमारी बुनियादी जरूरतों के लिए विशेष अनुदान का हकदार है, लेकिन भाजपा पंजाब की अनदेखी कर रही है।

आप नेता और पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने भी बजट पर निराशा जताई। उन्होंने कहा कि पंजाब के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के लघु उद्योगों के लिए कुछ नहीं दिया गया है। खाद पर मिलने वाली 36 फीसदी सब्सिडी कम कर दी गई है। इनपुट कॉस्ट बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि बजट से पहले हर राज्य से इनपुट लिया जाता है।

अपना अनुभव बताते हुए उन्होंने कहा कि जब वे वित्त मंत्री सीतारमण से मिले थे, तो उन्होंने पंजाब में दो फसलों के विविधीकरण के लिए आर्थिक पैकेज की जरूरत बताई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया। पंजाब के युवाओं को दूसरे राज्यों की तरह उद्योग लाने के लिए कोई पैकेज नहीं दिया गया है।

 

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