चंडीगढ़: डबल इंजन की सरकार ने नई योजनाओं को शुरू करके शहीदों के सपनों को पूरा करने का बीड़ा उठाया है। इसी कड़ी में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 9वीं की इतिहास पुस्तक में सरकार ने शहीद उधम सिंह की जीवनी को शामिल किया है। यह उनके प्रति हमारी एक सच्ची श्रद्धांजलि है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी बुधवार को सिरसा में डेरा बाबा भूमणशाह संगर सरिस्ता में शिरोमणि शहीद उधम सिंह के 84वें शहीदी महासम्मेलन में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहीद उधम सिंह एक महान क्रांतिकारी थे।
21 साल की कड़ी तपस्या के बाद शहीद उधम सिंह ने एक सभा में जनरल डायर को गोलियां मारकर जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला लिया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्थानों पर निमार्णाधीन कंबोज धर्मशालाओं के लिए की 51 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने सेलुलर जेल के असली इतिहास को छुपाया गया। हमारे वीर क्रांतिकारियों ने गुलामी की जंजीरों को काटकर देश की मजबूती और आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए। मुख्यमंत्री ने सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि इस विभाजन के कौन लोग जिम्मेवार हैं, जिन्होंने हमारी संस्कृति को चोट पहुंचाई। हमें उनका भी ज्ञान होना जरूरी है।
जर्मनी के सांसद राहुल कंबोज ने कहा कि वह एक साथी बनकर लोगों के बीच आएं है और उन्हें बड़ी खुशी है कि हम एक महान क्रांतिकारी का शहीदी दिवस मना रहे हैं। बाबा ब्रह्मदास महाराज ने महान क्रांतिकारी शहीद शिरोमणि उधम सिंह की शहादत दिवस पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री और श्रद्धालुओं का स्वागत किया। इस अवसर पर ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह, स्थानीय शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा, विधायक गोपाल कांडा, दूड़ाराम, लक्ष्मण नापा, पूर्व मंत्री कर्णदेव कंबोज, पूर्व सांसद डॉ. अशोक तंवर, सुनीता दुग्गल और मनजिंदर सिंह सिरसा सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।