नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यपालों से शुक्रवार को आग्रह किया कि वे केंद्र और राज्य के बीच प्रभावी सेतु की भूमिका निभाएं तथा लोगों और सामाजिक संगठनों के साथ इस तरह से संवाद करें, जिससे वंचित लोगों को भी इसमें शामिल किया जा सके। राष्ट्रपति द्रौपदी मुमरू की अध्यक्षता में आयोजित राज्यपालों के 2 दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि राज्यपाल का पद एक महत्वपूर्ण संस्था है, संविधान के दायरे के भीतर लोगों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों के संदर्भ में। उद्घाटन सत्र को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी संबोधित किया।
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, शनिवार को समाप्त होने वाले इस सम्मेलन में उन विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जो न केवल केंद्र-राज्य संबंधों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बल्कि आम लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को बढ़ावा देने में भी सहायक होते हैं। मुमरू ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र के सुचारू संचालन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि विभिन्न केंद्रीय एजैंसियां सभी राज्यों में बेहतर समन्वय के साथ काम करें। उन्होंने राज्यपालों को इस संबंध में विचार करने की सलाह दी कि वे अपने-अपने राज्यों के संवैधानिक प्रमुख के रूप में इस समन्वय को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं।