“मध्य प्रदेश में निवेश निश्चित रूप से होगा लाभदायक ” : CM Mohan Yadav

बेंगलुरु (कर्नाटक) : मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को बेंगलुरू में आयोजित ‘मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों पर संवादात्मक सत्र’ में भाग लिया और कहा कि उद्योगपतियों द्वारा राज्य में किया गया निवेश लाभदायक होगा। राज्य में निवेश के लिए दो दिवसीय संवादात्मक सत्र 7 अगस्त को शुरू हुआ और 8 अगस्त को समाप्त.

बेंगलुरु (कर्नाटक) : मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को बेंगलुरू में आयोजित ‘मध्य प्रदेश में निवेश के अवसरों पर संवादात्मक सत्र’ में भाग लिया और कहा कि उद्योगपतियों द्वारा राज्य में किया गया निवेश लाभदायक होगा। राज्य में निवेश के लिए दो दिवसीय संवादात्मक सत्र 7 अगस्त को शुरू हुआ और 8 अगस्त को समाप्त होगा। इसे “निवेश मध्य प्रदेश-वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन-2025” के पूर्व-कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया जा रहा है। जीआईएस-2025 का आयोजन अगले वर्ष 7 और 8 फरवरी को भोपाल में प्रस्तावित है। सीएम यादव ने कहा, कि “भारत सदियों से दुनिया में सोने की चिड़ियां के रूप में विख्यात है। दुनिया में यह पहचान भारत की उद्यमशीलता, बौद्धिकता, कल्पनाशीलता और व्यापारिक विशेषज्ञता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपलब्ध संसाधनों और बौद्धिक क्षमता के बल पर देश को दुनिया की पांच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में स्थान दिलाया है। इस उपलब्धि में उद्योगपतियों का भी विशेष योगदान है।” बदलते परिवेश में अनुकूल अवसरों के साथ-साथ देश के सामने कई चुनौतियां भी मौजूद हैं। लेकिन अपनी क्षमताओं के आधार पर यह विश्वास है कि हमारा भविष्य उज्ज्वल है।

पीएम मोदी के मार्गदर्शन में देश निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उचित मार्गदर्शन, आधुनिक तकनीक के उपयोग, आगे बढ़ने की चाह और लगन व मेहनत के साथ नए शोध की परंपरा के चलते भारत दुनिया में औद्योगिक केंद्र के रूप में अपनी जगह बना रहा है। देश में शुरू किए गए नए स्टार्टअप भी इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, कि  “भारत में पुरुषार्थ और पराक्रम की परंपरा रही है। भारतीय परंपरा में शासन का स्वरूप सहायता प्रदान करने का रहा है। किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के इच्छुक व्यक्ति को सहायता प्रदान करने से ही उद्यमिता की शुरुआत होती है और व्यक्ति की कार्यकुशलता और परिश्रम का परिणाम पूरे समाज को मिलता है। भारत में विद्यमान इस व्यवस्था के परिणामस्वरूप भारतीय संस्कृति का विश्व में सदैव सम्मान रहा है।”

“मध्यप्रदेश सरकार इसी भावना के साथ काम कर रही है। जो भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने का इच्छुक है, उसे प्रोत्साहन के रूप में समुचित सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के सभी क्षेत्रों में समान प्रगति हुई है। व्यापार के लिए जो भी आवश्यक है, राज्य सरकार सभी समुचित व्यवस्था करने के लिए तत्पर है। मध्यप्रदेश उद्योगपतियों को उद्योग और निवेश के लिए आमंत्रित कर रहा है। उद्योगपतियों द्वारा मध्यप्रदेश में किया गया निवेश लाभदायक होगा।”

उन्होंने कहा, कि “मध्य प्रदेश वर्तमान में सरप्लस ऊर्जा राज्य के रूप में जाना जाता है। ऊर्जा उत्पादन में अक्षय ऊर्जा का योगदान 23 प्रतिशत है। आईटी, ऊर्जा के साथ-साथ पर्यटन में भी अपार संभावनाएं हैं। धार्मिक-स्वास्थ्य पर्यटन के साथ-साथ शिक्षा, एमएसएमई और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं।” साथ ही, कृषि में भी मध्य प्रदेश की विकास दर सबसे अधिक है। देश में सबसे अधिक गेहूं की आपूर्ति करने के साथ ही दलहन उत्पादन में भी राज्य अग्रणी है। उन्होंने कहा कि बागवानी के क्षेत्र में भी राज्य ने कम समय में काफी प्रगति की है।

- विज्ञापन -

Latest News