नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के खाते में कुल 6 पदक आए, जिसमें 5 कांस्य पदक और एक रजत पदक शामिल रहा। 57 किग्रा भारवर्ग में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय रेसलर अमन सहरावत ने आईएएनएस के साथ बातचीत में अगले ओलंपिक में पदक के रंग को बदलने और गोल्ड मेडल जीतने की बात कही।
पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले पहलवान अमन सहरावत स्वदेश लौट चुके हैं। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, देशवासियों की आशीर्वाद से मेहनत का फल मिल गया। आगे और मेहनत करके पदक का रंग बदलेंगे। स्वर्ण पदक की जो कमी रह गई है, उसको 2028 में पूरा करेंगे।
अमन सहरावत की जीत पर टोक्यो ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट रेसलर रवि दहिया ने भी खुशी जाहिर की।
अमन सहरावत के कोच ललित कुमार ने आईएएनएस को बताया, ओलंपिक पदक जीतना बहुत बड़ी बात है। मात्र 21 साल की उम्र में मेडल लाया है, यह हमारे और देश के लिए बहुत ही खुशी की बात है।
उन्होंने आगे बताया कि, अमन सहरावत हमेशा अनुशासन में रहे हैं। ज्यादा लोगों से उनको मतलब नहीं था, वह कोच की बातों को मानते थे। जिसका फायदा उनको मिला और पेरिस ओलंपिक में पदक जीता।
कोच ने आगे बताया, अमन हमारे पास 2013 में आए थे। तब से वह ट्रेनिंग ले रहे हैं। आगे हमारा लक्ष्य 2027 ओलंपिक में स्वर्ण जीतना है। कुश्ती से देश को दो-तीन मेडल की उम्मीद थी। सभी पहलवानों ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन लेकिन इस बार सिर्फ एक ही मेडल आ पाया। आगे हम और भी ज्यादा मेहनत करेंगे।
मालूम हो कि, अमन सहरावत ने 57 किग्रा फ्रीस्टाइल कांस्य पदक मैच में प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज को 13-5 से हराया था। इसी के साथ 21 वर्षीय अमन भारत के लिए सबसे कम उम्र के ओलंपिक पदक विजेता बन गए थे।