World Test Championship समीकरण : क्या कोई टीम भारत और ऑस्ट्रेलिया को पछाड़ पाएगी ?

नई दिल्ली: अगले कुछ महीनों में टेस्ट क्रिकेट फोकस में रहेगा। कई दिग्गज टीमों के बीच टेस्ट सीरीज खेली जा रही है, जबकि कुछ की शुरुआत होने वाली है। भारतीय टीम अभी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की प्वाइंट्स टेबल में पहले नंबर पर मौजूद

नई दिल्ली: अगले कुछ महीनों में टेस्ट क्रिकेट फोकस में रहेगा। कई दिग्गज टीमों के बीच टेस्ट सीरीज खेली जा रही है, जबकि कुछ की शुरुआत होने वाली है। भारतीय टीम अभी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की प्वाइंट्स टेबल में पहले नंबर पर मौजूद है। टीम को मौजूदा चक्र में अभी और टेस्ट सीरीज और खेलनी हैं। ऑस्ट्रेलिया भी दूसरे स्थान पर काबिज है।

मौजूदा डब्ल्यूटीसी चक्र में अभी तक सिर्फ आधे ही मैच हुए हैं, ऐसे में कई टीम फाइनल तक का सफर तय कर सकती हैं। सभी टेस्ट टीमों का प्रयास यह रहेगा कि वह अपने विपक्षी टीमों को मात देते हुए, डब्ल्यूटीसी के प्वाइंट टेबल में अपने स्थान को मजबूत करें, ताकि वह फाइनल तक का सफर तय कर सकें। आइए यह जानने का प्रयास करते हैं कि किन टीमों के पास फाइनल तक का सफर तय करने का मौका है।

इस दौड़ में सबसे आगे भारत है। टीम ने नंबर-1 पर अपना कब्जा मजबूती से बनाए रखा है। भारत (68.52 प्रतिशत अंक) के साथ टेबल टॉपर है, जबकि टीम की अभी तीन सीरीज बाकी है। जिनमें बांग्लादेश (2 घरेलू टेस्ट मैच), न्यूजीलैंड (3 घरेलू टेस्ट मैच) और ऑस्ट्रेलिया ( विदेशी धरती पर 5 टेस्ट) शामिल है।

भारत को 60 प्रतिशत अंकों से ऊपर रहने के लिए इन 10 टेस्ट मैचों के 120 अंकों में से 63 फीसदी अंक की जरूरत है। (एक जीत पर 12 अंक और ड्रॉ पर चार अंक मिलते हैं।) पांच जीत और एक ड्रॉ से भारत को 64 अंक मिलेंगे, जो उसे 60 प्रतिशत अंकों से ऊपर रखेगा (यह मानते हुए कि धीमी ओवर गति जैसे अपराधों के लिए उनके अंक नहीं काटे जाएंगे)।

दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलियाई टीम है। इस टीम के 62.50 प्रतिशत अंक है और नंबर-2 पर काबिज है। जबकि ऑस्ट्रेलिया को अब मात्र दो सीरीज खेलनी है, जिनमें- भारत (5 घरेलू टेस्ट), श्रीलंका (2 टेस्ट) शामिल है। ऑस्ट्रेलिया उन दो टीमों में से एक है जिन्होंने इस चक्र में पहले ही छह में से चार सीरीज खेल ली है।

ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने छह में से चार सीरीज खेल ली हैं। वो 62.5 प्रतिशत अंकों के साथ काफ़ी अच्छी स्थिति में हैं। हालांकि उनकी अंतिम रैंकिंग काफ़ी हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि वो भारत के खिलाफ घरेलू मैदान पर कैसा प्रदर्शन करते हैं।

न्यूज़ीलैंड भी इस दौड़ में मजबूती के साथ बनी हुई है। इस टीम के पास 50 प्रतिशत अंक है, और उन्हें श्रीलंका (विदेशी धरती पर 2 टेस्ट), भारत (विदेशी धरती पर 3 टेस्ट) और इंग्लैंड (3 घरेलू टेस्ट) सीरीज खेलनी है।

अब तक खेले गए छह टेस्ट में तीन जीत और तीन हार के साथ न्यूजीलैंड के पास 50 फीसदी अंक हैं। जिसका मतलब है कि उन्हें 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के लिए उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।

श्रीलंका (50.00 प्रतिशत अंक) बची हुई सीरीज़ : इंग्लैंड (विदेशी धरती पर 3 टेस्ट), न्यूजीलैंड (2 घरेलू टेस्ट), दक्षिण अफ्रीका (विदेशी धरती पर 2 टेस्ट), ऑस्ट्रेलिया (2 घरेलू टेस्ट)

श्रीलंका के पास न्यूजीलैंड की ही तरह 50 प्रतिशत अंक है। हालांकि उन्होंने अपनी छह सीरीज में से सिर्फ़ दो ही सीरीज खेली हैं। अभी उन्हें इस चक्र में नौ टेस्ट खेलने हैं। कुल मिला कर 108 उपलब्ध अंकों में से 70 प्रतिशत अंक हासिल करने हैं, तभी वे 60 प्रतिशत अंक तक पहुंच सकते हैं। इसका मतलब है कि उन्हें छह जीत या पांच जीत और तीन ड्रॉ की आवश्यकता है। इसका मतलब है कि इंग्लैंड में होने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में वह बहुत ज्यादा अंक नहीं गंवा सकते हैं।

दक्षिण अफ्रीका (38.89 प्रतिशत अंक), बची हुई सीरीज: श्रीलंका (2 घरेलू टेस्ट), पाकिस्तान (2 घरेलू टेस्ट), बांग्लादेश (विदेशी धरती पर दो टेस्ट)

दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश इस चक्र में सबसे कम टेस्ट मैच खेलने वाली दो टीमें हैं। एक तरह इंग्लैंड की टीम इस विश्व टेस्ट चैंपियनशिप चक्र में कुल 22 टेस्ट खेलने वाली है, जबकि बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका की टीमें सिर्फ़ 12 टेस्ट ही खेलेंगी। अब तक छह टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका ने केवल 28 प्रतिशत अंक जुटाए हैं।

60 प्रतिशत अंक तक पहुंचने के लिए, उन्हें छह टेस्ट में 59 प्रतिशत और अंक चाहिए, जिसका मतलब है कि उन्हें पांच जीत चाहिए। उन्हें श्रीलंका और पाकिस्तान के खिलाफ चार घरेलू टेस्ट खेलने हैं, जहां उन्हें बांग्लादेश दौरे पर जाने से पहले अधिकतम अंक हासिल करने की कोशिश करनी होगी।

पाकिस्तान (36.66 प्रतिशत अंक), बची हुई सीरीज: बांग्लादेश (2 घरेलू टेस्ट), इंग्लैंड (3 घरेलू टेस्ट), दक्षिण अफ्रीका (2 घरेलू टेस्ट), वेस्टइंडीज (2 घरेलू टेस्ट)

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