रामपुर, बुशहर (मीनाक्षी): दा तहसील ग्रोवर ट्रक व टेंपो आपरेटर यूनियन रामपुर ज्यूरी के लिए बाहरी जिलों से आने वाले ट्रक लगातार परेशानियों का कारण बने हुए हैं। ऐसे में न तो सरकार इनकी समस्या का सामाधान कर रही है और न ही प्रशासन इनके लिए कोई उचित कदम उठा रहा है। ऐसे में लगातार रामपुर के ट्रक आपरेटर यूनियन के कार्यकर्ता परेशान हो रहे हैं।
उनका कहना है कि आए दिन रामपुर में सेब का सीजन जोरों पर चल रहा है। सेब को मंडियों में पहुंचाने के लिए रामपुर ट्रक आपरेटर यूनियन की गाड़ियों के बजाए बाहरी क्षेत्रों से गाड़ियां लाइ जा रही है। जानकारी देते हुए दा तहसील ग्रोवर ट्रक आपरेटर यूनियन रामपुर ज्यूरी के अध्यक्ष केसी शर्मा ने बताया कि उन्होंने गौरा, डोबी क्षेत्र का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में पाया की यहां पर सेब का सीजन आए दिन जोरों पर चल रहा है। ऐसे में सेब की पेटियों को मंडियों तक पहुंचाने के लिए मंडी के साथ साथ अन्य जिलों से गाड़ियां लाकर भेजें जा रहें। ऐसे में उन्होंने सरकार व प्रशासन से इन पर लगाम लगाने की मांग की है। उनका कहना है कि पहली प्राथमिकता स्थानीय आपरेटरों को मिलनी चाहिए।
आज स्थिति इस कदर है कि हमारी गाड़ियां सड़क किनारे कई दिनों से खड़ी है। काम नहीं मिल पा रहा है लेकिन बाहर से यहां पर गाड़ियां लाकर सेब ढोने का कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि बीती रात को जब गौरा, डोंबी क्षेत्र में पहुंचे तो यहां पर 5 के करीब मंडी व अन्य जिलों के ट्रक लोड कर सेब की पेटियों को मंडी भेजा जा रहा था।
उन्होंने बताया कि हालांकि सीजन से पहले ही प्रशासन ,फार्वडिंग, ट्रक आपरेट के साथ बैठक कर साफ़ कर दिया होता है कि पहली प्राथमिकता स्थानीय आपरेटरों को मिलनी चाहिए। इसके बावजूद भी कई लोग इस पर गौर नहीं कर रहें हैं। उन्होंने बताया कि अपने स्थानीय लोगों को सहयोग करने के बजाए बाहरी क्षेत्रों के लोगों को सहयोग कर रहे हैं।
ऐसे में दा तहसील ग्रोवर ट्रक आपरेटर यूनियन रामपुर ज्यूरी में काफी रोष पनप रहा है। उन्होंने बताया कि यदि समय रहते सरकार और प्रशासन इस पर गौर नहीं करते तो आने वाले समय में क्षेत्र में आपसी विवाद की स्थिति भी पैदा हो सकती है। जिसके लिए बाद में सरकार व प्रशासन जिम्मेदार होगा। उन्होंने बताया कि साल भर उनके लिए भी यही समय होता है जब गाड़ियों के लिए काम मिलता है।
लेकिन ऐसे में भी बाहरी क्षेत्रों से यहां पर गाड़ियां लाई जा रही है तो हमारे लिए परेशानियों का कारण बन गई है। उन्होंने बताया कि गाड़ियों की किश्तें देना भी मुश्किल हो रहा है। काम न मिलने से महिनों तक गाड़ियां सड़क किनारे खड़ी रहती है। लेकिन प्रशासन और सरकार इस पर कोई गौर नहीं कर रही है। इसके लिए ठोस नीति होनी चाहिए।