यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर 4 सितंबर तक सरकार ने उनकी मांगों के संबंध में फैसला नहीं लिया, तो चंडीगढ़ में ही अनिश्चितकाल के लिए धरना शुरू कर देंगे। यूनियन ने कहा कि पांच सितंबर को बैठक के बाद ही अगली रणनीति को लेकर घोषणा की जाएगी। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को सेक्टर-34 में सुबह 11:30 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक महापंचायत करने का एलान किया है। एसकेएम प्रदेश में कृषि सुधारों पर काम करने और पानी के संकट जुड़े मसलों का समाधान करने की मांग कर रहा है।
गौरतलब है कि बीते रविवार को ट्रैक्टर-ट्रॉली व अन्य साजो सामान के साथ हजारों किसान चंडीगढ़ पहुंचे। उन्होंने पंजाब व केंद्र सरकार सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी की। बीकेयू एकता उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह, जोरा सिंह नसराली, सचिव लक्ष्मण सिंह, झंडा सिंह, सूबे सिंह, रूप सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ में प्रदर्शन के लिए जगह देने को प्रशासन तैयार नहीं हो रहा था।
पंजाब में किसानों व मजदूरों के कर्जे माफ किए जाने चाहिए, क्योंकि कर्ज के कारण आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इसके अलावा आत्महत्या पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। उन्होंने फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने व नदियों और नहरों में प्रदूषित पानी के प्रवाह को रोकने की मांग की। इन सभी मुद्दों के लिए कृषि नीति लाने पर जोर दिया।