गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां भारत के हरित परिवर्तन से जुड़े कार्यक्रमों और योजनाओं में निवेश को आमंत्रित करते हुये कहा कि भारत पूर्ण रूप से मेड इन इंडिया समाधानों के लिये प्रयास कर रहा है और अनेक संभावनाओं का सृजन कर रहा है। मोदी ने गुजरात के गांधीनगर स्थित महात्मा मंदिर में चौथे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन एवं प्रदर्शनी (री-इन्वेस्ट) के उद्घाटन अवसर पर कहा कि भारत सही मायनों में विस्तार और बेहतर रिटर्न की गारंटी है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान भारत की 200 गीगावाट से अधिक स्थापित गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता की उल्लेखनीय उपलब्धि में महत्वपूर्ण रूप से योगदान करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। उन्होंने इस अवसर पर सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कंपनियों, स्टार्ट-अप्स और प्रमुख उद्यमियों के अत्याधुनिक नवाचारों को दर्शाने वाली प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
उन्होंने इस अवसर पर कहा कि कहा कि 12 नये औद्योगिक शहर बनाने का फैसला, आठ हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी, 15 से अधिक सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेनों का शुभारंभ, अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिये एक ट्रिलियन रुपये के शोध कोष की स्थापना, ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिये विभिन्न पहलों की घोषणा, उच्च प्रदर्शन वाले जैव-विनिर्माण को बढ़ावा देना और इसके साथ ही बायो ई3 नीति को मंजूरी देना सरकार की उपलब्धियों में शामिल हैं। मोदी ने पिछले 100 दिनों में हरित ऊर्जा क्षेत्र में हुये विकास का उल्लेख करते हुये अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाओं के लिये 7000 करोड़ रुपये से अधिक की व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण योजना के शुभारंभ की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले समय में 12,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 31,000 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन की दिशा में काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत की विविधता, पैमाने, क्षमता, संभावना और प्रदर्शन सभी असाधारण हैं और वैश्विक अनुप्रयोगों के लिये भारतीय समाधानों का मार्ग प्रशस्त करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व का यह मानना है कि भारत 21वीं सदी का सबसे बेहतर दावेदार है। पिछले एक महीने में भारत द्वारा आयोजित वैश्विक कार्यक्रमों का स्मरण करते हुये श्री मोदी ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट का आयोजन किया गया, विश्व भर के लोगों ने पहले अंतरराष्ट्रीय सौर महोत्सव, ग्लोबल सेमीकंडक्टर शिखर सम्मेलन में भाग लिया, भारत ने दूसरे एशिया-प्रशांत नागरिक विमानन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन की भी मेजबानी की और आज भारत हरित ऊर्जा के सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।