चंद्रमा के सुदूर हिस्से से लाई गई मिट्टी में अन्य चंद्र नमूनों की तुलना में ‘विशिष्टता’: अध्ययन

बीजिंग: चीन के ‘चांग ई-6’ मिशन द्वारा चंद्रमा के सुदूरवर्ती हिस्से से वापस लाए गए चंद्र नमूनों में पहले प्राप्त चंद्र नमूनों की तुलना में कुछ ‘‘विशेषताएं’’ नजर आ रही हैं। वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित एक शोधपत्र में यह जानकारी दी गई है। चीन के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मंगलवार को चंद्रमा के सुदूरवर्ती हिस्से.

बीजिंग: चीन के ‘चांग ई-6’ मिशन द्वारा चंद्रमा के सुदूरवर्ती हिस्से से वापस लाए गए चंद्र नमूनों में पहले प्राप्त चंद्र नमूनों की तुलना में कुछ ‘‘विशेषताएं’’ नजर आ रही हैं। वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित एक शोधपत्र में यह जानकारी दी गई है। चीन के वैज्ञानिकों की एक टीम ने मंगलवार को चंद्रमा के सुदूरवर्ती हिस्से से प्राप्त नमूनों पर प्रकाशित अपने पहले शोध पत्र में कहा कि ‘चांग ई-6’ मिट्टी के नमूनों का घनत्व चंद्रमा के अन्य हिस्सों से प्राप्त नमूनों की तुलना में कम है। ‘चांग ई-6’ नमूनों में ‘प्लेजियोक्लेज’ की मात्र ‘चांग ई-5’ नमूनों की तुलना में काफी अधिक है जबकि उनकी ‘ओलिवाइन’ की मात्र काफी कम है। ‘प्लेजियोक्लेज’ पृथ्वी की पपड़ी में सबसे आम और प्रचुर खनिज समूह है। ‘ओलिवाइन’ एक हरी चट्टान बनाने वाला खनिज है जो मुख्य रूप से गहरे रंग की आग्नेय चट्टानों में पाया जाता है।

अध्ययन से यह भी पता चला कि ‘चांग ई-6’ के पाषाण खंड के नमूने मुख्य रूप से बेसाल्ट, ब्रेक्सिया, एग्लूटिनेट, ग्लासेस और ल्यूकोक्रेट से बने हैं। सरकारी समाचार एजैंसी ‘शिन्हुआ’ की खबर के अनुसार ‘चांग ई-6’ चंद्र नमूनों के भू-रासायनिक वेिषण से पता चला है कि उनमें थोरियम, यूरेनियम और पोटेशियम जैसे सूक्ष्म तत्वों की सांद्रता अपोलो मिशन और चांग ई-5 मिशन द्वारा प्राप्त नमूनों से काफी भिन्न है। चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) के अनुसार इस वर्ष मई में चीन ने पहली बार चंद्रमा के सुदूरवर्ती हिस्से से नमूने एकत्र करने और उन्हें वैज्ञनिक अध्ययन के लिए पृथ्वी पर लाने के लिए 53 दिवसीय चंद्र अन्वेषण मिशन शुरू किया था, जो मानव चंद्र अन्वेषण के इतिहास में अपनी तरह का पहला अभियान था।

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