मुंबई (फरीद शेख) : सिंगर से एक्टर बनी ध्वनि भानुशाली की फिल्म ‘कहां शुरू कहां खतम’ दर्शकों के बीच छाई हुई है। इस फिल्म के क्लाइमेक्स में बताया गया है कि लड़की चांद पर पहुंच गई है, जबकि किसी भी लड़की को घूंघट उठाकर चांद को देखने की भी इजाजत नहीं है। फिल्म में यह बात दिल को छू गई। और यही फिल्म का संदेश है जिसे फिल्म में बखूबी दिखाया गया है।
सौरभ दासगुप्ता द्वारा निर्देशित ‘कहां शुरू कहां खतम’ एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म है जिसमें महिला सशक्तिकरण के विषय को बेहद मनोरंजक और हल्के-फुल्के अंदाज में पेश किया गया है। फिल्म की लंबाई दो घंटे से भी कम है, इसलिए इसकी गति कहीं भी धीमी नहीं पड़ती। कुछ सीन आपको सिचुएशनल कॉमेडी के तौर पर हंसाएंगे तो कुछ सीन आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे। फिल्म की पटकथा अच्छी है और जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, यह और भी बेहतर होती जाती है।
महिला सशक्तिकरण का संदेश देने वाली प्रेम और कॉमेडी पर आधारित फिल्म ‘कहां शुरू कहां खतम’ की कहानी हरियाणा में सेट है, जहां एक संपन्न चौधरी परिवार ने अपनी बेटी मीरा को ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाया है, लेकिन उससे शादी के लिए पूछा तक नहीं। इसी वजह से शादी के दिन मीरा भाग जाती है और संयोग से शादी में बिन बुलाए मौज-मस्ती करने आया लड़का उसे लेकर भाग जाता है। इस फिल्म में ध्वनि भानुशाली ने मीरा का किरदार निभाया है और आशिम गुलाटी ने कृष का किरदार निभाया है।
सिंगिंग में नाम कमाने के बाद ध्वनि भानुशाली ने फिल्म ‘कहां शुरू कहां खतम’ से एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा है और फिल्म देखने के बाद ऐसा लगता है कि यह उनकी पहली फिल्म के लिए बेहतरीन फिल्म है। पहली फिल्म होने के बावजूद ध्वनि की एक्टिंग बेहतरीन है। उनका आत्मविश्वास स्क्रीन पर साफ झलकता है। आशिम गुलाटी ने भी अपने किरदार में जान डाल दी है। कुल मिलाकर फिल्म ‘कहां शुरू कहां खतम’ एक बॉलीवुड मसाला फिल्म है जिसमें कहानी, कॉमेडी, इमोशन और ड्रामा का तड़का देखने को मिलेगा। साथ ही यह फिल्म महिला सशक्तिकरण की बात करती है, इसलिए दैनिक सवेरा टाइम्स न्यूज़ मीडिया नेटवर्क इस फिल्म की रेटिंग 3.5 देती हैं।