सव्रेक्षण प्रक्रिया के बाद Delhi में सड़कों की मरम्मत युद्धस्तर पर होगी शुरू : Arvind Kejriwal

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि सव्रेक्षण की प्रक्रिया के बाद दिल्ली में सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत युद्ध स्तर पर की जाएगी। वह और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरी क्षेत्र में स्थित रोशनआरा रोड का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा,.

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि सव्रेक्षण की प्रक्रिया के बाद दिल्ली में सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत युद्ध स्तर पर की जाएगी। वह और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के उत्तरी क्षेत्र में स्थित रोशनआरा रोड का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा, कि ‘स्थानीय लोगों के अनुसार, पिछले सात-आठ महीनों से सड़क की हालत ठीक नहीं है। बृहस्पतिवार को मैं मुख्यमंत्री आतिशी के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय गया था, वहां भी सड़क टूटी हुई थी। मैं आतिशी से अनुरोध करना चाहता हूं कि वह दिल्ली में पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) द्वारा निíमत सभी सड़कों की स्थिति का आकलन करें।’’

केजरीवाल ने कहा, कि ‘हम अपने सभी विधायकों और मंत्रियों को सड़कों पर भेजेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। आने वाले महीनों में सभी क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो जाएगा ताकि दिल्ली के लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। मैं लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि मैं वापस आ गया हूं और सभी रुके हुए काम फिर से शुरू किए जाएंगे।’’ दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के चुनाव को लेकर विवाद के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एमसीडी के कानून में साफ तौर पर लिखा है कि सिर्फ महापौर को निकाय के सदन की बैठक बुलाने का अधिकार है और जब बैठक होगी तो महापौर उसका नेतृत्व करेगा।

उन्होंने कहा कि न तो उपराज्यपाल और न ही एमसीडी आयुक्त निकाय संस्था के सदन की बैठक बुला सकते हैं। केजरीवाल ने कहा कि साथ ही जब भी एमसीडी सदन की बैठक बुलाई जाती है तो इसके लिए 72 घंटे का समय दिया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है उनकी नीयत में खोट है। ऐसा लगता है कि वे कुछ गलत करने की साजिश रच रहे हैं।’’

बता दें, केजरीवाल आबकारी नीति मामले में पांच महीने तिहाड़ जेल में बंद रहे और इस महीने की शुरुआत में उन्हें उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने पर जेल से रिहा किया गया। पिछले सप्ताह उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से यह कहकर इस्तीफा दे दिया था कि वह इस पद पर तभी बैठेंगे जब उन्हें फरवरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में दिल्ली की जनता से ‘‘ईमानदारी का प्रमाण पत्र’’ मिल जाएगा।

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