- विज्ञापन -

नवरात्रि के पांचवे दिन PM Modi ने स्कंदमाता को किया नमन, सबके कल्याण के लिए मांगा आशीर्वाद

नई दिल्ली : देशभर में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। सोमवार को मां दुर्गा के पांचवे रूप स्कंदमाता का दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से स्कंदमाता की एक स्तुति शेयर की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मां दुर्गा के बड़े उपासक हैं। वह शारदीय नवरात्रि में नौ.

- विज्ञापन -

नई दिल्ली : देशभर में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। सोमवार को मां दुर्गा के पांचवे रूप स्कंदमाता का दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से स्कंदमाता की एक स्तुति शेयर की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मां दुर्गा के बड़े उपासक हैं। वह शारदीय नवरात्रि में नौ दिनों का व्रत रखते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की एक स्तुति को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उनके एक्स हैंडल से शेयर की गई, जिसमें उन्होंने स्कंदमाता माता को नमन किया और उनके आशीर्वाद से सबका कल्याण होने की बात कहीं।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, कि ‘मां दुर्गा के पंचम स्वरूप देवी स्कंदमाता के चरणों में कोटिश: नमन! सुखदायिनी-मोक्षदायिनी माता के आशीर्वाद से सबका कल्याण हो।‘ इस अवसर पर उन्होंने माता से जुड़ी एक स्तुति भी शेयर की हैं।

बता दें कि शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की पूजा होती है। इनकी चार भुजाएं हैं, दाहिनी तरफ की ऊपर वाली भुजा में भगवान स्कंद गोद में हैं। दाहिने तरफ की नीची वाली भुजा में कमल पुष्प है। इसी तरह बाएं तरफ की ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा और नीचे वाली भुजा में भी कमल पुष्प है। देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं।

नवरात्रि की पंचमी तिथि को साधक का मन विशुद्ध चक्र में अवस्थित होना चाहिए जिससे कि ध्यान वृत्ति एकाग्र हो सके। यह शक्ति परम शांति व सुख का अनुभव कराती है। मां स्कंदमाता की उपासना से मन की सारी कुण्ठा जीवन-कलह और द्वेष भाव समाप्त हो जाता है और मृत्यु लोक में ही स्वर्ग की भांति परम शांति एवं सुख का अनुभव प्राप्त होता है। साधना के पूर्ण होने पर मोक्ष का मार्ग खुद ही खुल जाता है। स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान हैं, इसलिए इन्हें पद्मासन देवी भी कहा जाता है। इनका वाहन भी सिंह है। इन्हें कल्याणकारी शक्ति की अधिष्ठात्री कहा जाता है।

- विज्ञापन -

Latest News