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अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला : निर्यातकों को लुभाएंगे हैंडवोवेन कारपेट, इस तारिख से होगा शुरू

भदोही। उत्तर प्रदेश में कालीन नगरी भदोही में 15 अक्तूबर से शुरू होने वाले तीसरे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले में इस बार हैंडबोवेन और हैंड नॉटेड कालीनों का जलवा दिखेगा। पारंपरिक हैंडनाटेड कालीनों में बढ़ती महंगाई के चलते उत्पादकों ने सस्ते हैंडनॉटेड कालीनों का रास्ता ढूंढ निकाला है। अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) के अध्यक्ष.

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भदोही। उत्तर प्रदेश में कालीन नगरी भदोही में 15 अक्तूबर से शुरू होने वाले तीसरे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले में इस बार हैंडबोवेन और हैंड नॉटेड कालीनों का जलवा दिखेगा। पारंपरिक हैंडनाटेड कालीनों में बढ़ती महंगाई के चलते उत्पादकों ने सस्ते हैंडनॉटेड कालीनों का रास्ता ढूंढ निकाला है। अखिल भारतीय कालीन निर्माता संघ (एकमा) के अध्यक्ष मोहम्मद रजा खां ने शुक्रवार को बताया कि युद्ध उन्माद में उलझी दुनियां ने विश्व बाजार में कई कई तरह की समस्याएं उत्पन्न कर रही है। बदलते परिवेश में कालीनों के आयातक महंगे हैंडनॉटेड कालीनों की अपेक्षा यूज एंड थ्रो के पैटर्न पर काम करते हुए सस्ते व हल्के कालीनों को कुछ विशेष तरजीह दे रहे हैं। विदेशी आयातकों के रूझान को देखते हुए उद्यमी भी सस्ते व सुंदर कालीनों को परोसकर विदेशी मेहमानों को लुभाने के लिए कमरकस चुके हैं।
उन्होंने बताया कि पहले कालीन के निर्माण के दौरान जहां एक वर्ग इंच में 400 गाँठें आम होती थीं। वहीं अब घटती मांग के चलते 100 गांठों वाले कालीन तैयार हो रहे हैं। जिसे कम कीमत में बेचा जा सकेगा। अच्छी बात है कि इसके अच्छे खरीदार भी मिल रहे हैं।

कालीन मेगामार्ट में आयोजित होने वाले तीसरे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले की तैयारियों को आयोजक संस्था कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) अंतिम रूप देने में जुटी है। वहीं दूसरी तरफ निर्यातक आयातकों को लुभाने के लिए अलग तरह की डिजाइन बनाने में जुटे हैं। निर्यातक अपने स्तर से नए-नए डिजाइनों वाले कालीनों का सैंपल तैयार कर रहे हैं। भदोही की पारंपरिक हैंड नॉटेड कालीन पूरे विश्व में विख्यात है। उसमें भी पर्शियन डिजाइन काफी लोकप्रिय है।
कालीनें मुख्य रूप से दो तरह की होती है। जिसमें हस्तनिर्मित हैंडनटेड यानी की गांठों वाला कालीन, जो काफी चर्चित है। इसके अलावा टफ्टेड कालीनें जो मुख्य रूप से मशीनों की बनी होती हैं। हस्तनिर्मित और मशीनों से बनी कालीनों में काफी बारीक अंतर होता है। जिसे सामान्यतया नहीं समझा जा सकता। वहीं हैंडवोवेन कालीन मुख्य रूप से दरी होती है।

बुनी हुई दरियों को हँडवीचेन भी कहते हैं। इस बार हैंडविचेन और हैंडटफ्टेड कालीनों की वेरायटी तैयार की गई है। इसकी इस समय अच्छी डिमांड बनी है। हैडविचेन कालीन का आजकल विश्व भर में चलन में है। ऐसे कालीन देखने में सुंदर और कीमतों के हिसाब से टिकाऊ माने जाते हैं। इसमें शुद्ध ऊन के अलावा काटन मिश्रित, विस्कोस, आर्टिफिशियल सिल्क के उत्पादों की श्रृंखला डिस्प्ले की जाएगी।

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