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लद्दाख में ध्रुवीय ज्योति ने भारत के अंतरिक्ष मौसम निगरानी प्रयास को मान्यता दी: Astronomer

नई दिल्ली: लद्दाख के आसमान में हाल में लालिमा या हरे रंग की ध्रुवीय ज्योति देखी गई जो आमतौर पर उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्रों में दिखाई देती है। यह घटना हमारी अतंरिक्ष मौसम की निगरानी करने की कोशिशों को मान्यता देती है। यह कहना है खगोल शास्त्रियों की उस टीम का जिसने इस दुर्लभ खगोलीय घटना.

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नई दिल्ली: लद्दाख के आसमान में हाल में लालिमा या हरे रंग की ध्रुवीय ज्योति देखी गई जो आमतौर पर उत्तरी ध्रुवीय क्षेत्रों में दिखाई देती है। यह घटना हमारी अतंरिक्ष मौसम की निगरानी करने की कोशिशों को मान्यता देती है। यह कहना है खगोल शास्त्रियों की उस टीम का जिसने इस दुर्लभ खगोलीय घटना का पूर्वानुमान 48 से 72 घंटे पहले जता दिया था। उन्होंने बताया कि 10-11 अक्तूबर की दरम्यानी रात को आसमान में चटक लाल रंग की प्रकाश किरणों दिखाई दी जो हाल में हुई ध्रुवीय ज्योति (ऑरोरल) दृश्यों की श्रृंखला में नवीनतम थी। इससे पहले इस वर्ष 11 मई को तथा 2023 में 5 नवंबर और 10 मई को ऐसी घटना रिकॉर्ड की गई थी।

बेंगलुरु स्थित भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) के लद्दाख के हान्ले और मेराक में स्थित सभी आकाशीय कैमरों ने पूरी रात ध्रुवीय ज्योति की तस्वीरें खींची। कोलकाता में स्थित विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के अंतरिक्ष विज्ञान उत्कृष्टता केंद्र (सीईएसएसआई) के प्रमुख दिव्येंदु नंदी ने बताया, ‘ध्रुवीय ज्योति का दिखना इस बात की पुष्टि है कि हम सही रास्ते पर हैं। इससे अंतरिक्ष में चरम मौसम की घटनाओं की भविष्यवाणी करने में हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है, जो पृथ्वी पर सभी प्रकार की उपग्रह आधारित सेवाओं को संभावित रूप से खतरे में डाल सकती हैं, जिससे आधुनिक समाज में ठहराव आ सकता है।’

अंतरिक्ष एजैंसियां और संगठन, जैसे कि राष्ट्रीय महासागरीय और वायुमंडलीय प्रशासन (एनओएए), अमरीका, सूर्य से होने वाली तरंगों के बारे में समय पर जानकारी देने के लिए अंतरिक्ष मौसम की निगरानी करते हैं क्योंकि ये संभवत: संचार प्रणाली को बाधित कर सकते हैं और उपग्रहों को निष्क्रिय कर सकते हैं।
यह है ध्रुवीय ज्योति : ध्रुवीय ज्योति (ऑरोरा) तब उत्पन्न होती है जब सूर्य से आने वाले आवेशित कण पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के संपर्क में आते हैं जो हानिकारक सौर और ब्रह्मांडीय किरणों के विरुद्ध ढाल का काम करता है। यह घटना सबसे अधिक कनाडा, नॉव्रे, स्वीडन, फिनलैंड, अलास्का और रूस के सुदूर उत्तरी क्षेत्रों तथा आइसलैंड और ग्रीनलैंड में देखी जाती है। नंदी ने कहा कि हाल ही में ध्रुवीय ज्योति मैक्सिको और जर्मनी के निम्न-अक्षांश क्षेत्रों में भी देखी गई थीं।

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