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चढूनी के बयान से साफ हो गया कि कांग्रेस के इशारे पर हुआ था किसान आंदोलन : सुधांशु त्रिवेदी

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के बयान पर चुटकी लेते हुए सोमवार को कहा कि उनके बयान से साफ हो गया है कि किसान आंदोलन कांग्रेस की मिलीभगत से किया गया था। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के बयान पर चुटकी लेते हुए सोमवार को कहा कि उनके बयान से साफ हो गया है कि किसान आंदोलन कांग्रेस की मिलीभगत से किया गया था। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने रविवार को आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि हरियाणा में भाजपा विरोधी माहौल का फायदा कांग्रेस पार्टी नहीं ले पाई।

इस पर सुधांशु त्रिवेदी ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “चढूनी के बयान ने साबित कर दिया कि कांग्रेस की नींव के अंदर क्या है। इस बयान में वह स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि हमने कांग्रेस के इशारे पर आंदोलन खड़ा करके माहौल बनाया। इसके बावजूद कांग्रेस उसका लाभ नहीं ले सकी। इससे कांग्रेस पार्टी की कलई खुल गई है। इससे साफ हो गया कि जिस आंदोलन को वह सहज और बहुत साफ आंदोलन कह रहे थे, वह कांग्रेस पार्टी द्वारा पोषित और प्रायोजित आंदोलन था। यह चढूनी के इस वक्तव्य से साफ हो गया। राहुल गांधी के शब्दों में कहें तो दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। इसके बाद कांग्रेस पार्टी को शर्म से पानी-पानी हो जाना चाहिए।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरी बात खूब जान लीजिए, यह जितने भी आंदोलन शुरू होते हैं, उनका अंतिम लक्ष्य सत्ता होता है। (अरविंद) केजरीवाल इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने पहले कहा कि वह गैर-राजनीतिक मुद्दे पर आगे बढ़ रहे हैं लेकिन जैसे ही मौका मिला, अपने सारे सहयोगियों को किनारे करके गद्दी पर बैठ गए। पहलवानों के आंदोलन के साथ भी यही हुआ था। पहले गैर-राजनीतिक आंदोलन कहना, फिर कांग्रेस का समर्थन और फिर सीधे कांग्रेस की रिंग में ही जाकर उतर जाने का सीधा मतलब सत्ता से था। देश की जनता को इससे यह समझ जाना चाहिए कि गैर-राजनीतिक आवरण के नाम पर जो आंदोलन खड़े किए जाते हैं, उनका एक मात्र लक्ष्य सत्ता ही होता है – प्रत्यक्ष हो या परोक्ष हो। अब इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी को सफाई देनी चाहिए।”

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