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चीनी शिक्षकों और छात्रों तथा भारतीय संगीत प्रतिनिधिमंडल के बीच आदान-प्रदान

मंगलवार को पूर्वोत्तर भारत के 6 सदस्यीय संगीत प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण-पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में युन्नान मिन्ज़ू विश्वविद्यालय का दौरा किया। यात्रा के दौरान भारतीय संगीतकारों ने इस विश्वविद्यालय के जातीय संस्कृति महाविद्यालय तथा कला महाविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों के साथ संवाद किया तथा बातचीत की। विश्वविद्यालय में ताई, चिंगफो,.

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मंगलवार को पूर्वोत्तर भारत के 6 सदस्यीय संगीत प्रतिनिधिमंडल ने दक्षिण-पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में युन्नान मिन्ज़ू विश्वविद्यालय का दौरा किया। यात्रा के दौरान भारतीय संगीतकारों ने इस विश्वविद्यालय के जातीय संस्कृति महाविद्यालय तथा कला महाविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों के साथ संवाद किया तथा बातचीत की। विश्वविद्यालय में ताई, चिंगफो, लीसु, पाई आदि जातीय समूहों के छात्रों ने अपने जातीय गीत, संगीत और नृत्य प्रस्तुत किए तथा भारतीय संगीतकारों ने पूर्वोत्तर भारत के लोकगीत और संगीत प्रस्तुत किए।

इसके अलावा भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने युन्नान प्रांतीय सामाजिक विज्ञान अकादमी के दक्षिण एशिया अनुसंधान संस्थान तथा भारत अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञों और विद्वानों के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों पक्षों ने चीन और भारत के बीच जातीयता, रीति-रिवाज, संगीत, नृत्य, वेशभूषा आदि जैसे मानविकी और सांस्कृतिक क्षेत्रों में विचारों का आदान-प्रदान किया, जिससे आपसी समझ बढ़ी।

चीनी विशेषज्ञों और विद्वानों ने कहा कि कला संस्कृति की आत्मा है। संगीत और नृत्य जैसी कलाओं की कोई राष्ट्रीय सीमा नहीं होती। भारतीय संगीतकार चीन में भारतीय संगीत लेकर आए और वे चीनी संगीत का आनंद लेने और अपनी चीन यात्रा का अनुभव भारत वापस लाने के लिए चीन आए। सुंदर और मधुर संगीत दोनों पक्षों के बीच संचार का पुल बनाता है और साथ ही, यह चीनी और भारतीय लोगों के बीच मित्रता में योगदान देता है।

साथ ही, भारतीय संगीतकारों ने कहा कि चीनी विशेषज्ञों, विद्वानों, शिक्षकों और छात्रों के साथ संवाद करने से युन्नान प्रांत के जातीय समूहों, संस्कृति, इतिहास, संगीत, नृत्य और अन्य पहलुओं के बारे में उनकी समझ बढ़ी है। पूर्वोत्तर भारत के कुछ स्थानों की संस्कृति, लोक रीति-रिवाज, वेशभूषा आदि युन्नान प्रांत के कुछ अल्पसंख्यक जातीय समूहों के समान हैं। उनकी राय में, संचार को मजबूत करने से आपसी समझ बढ़ सकती है और दोस्ती गहरी हो सकती है।

(साभार—चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)

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