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कालकोठरी में गूंजेगी चूड़ियों की खनखनाहट, सलाखों से चांद को निहारेंगी महिला कैदी

शिमला: हिमाचल की जेलों में इस बार कांच की चूड़ियों की खनखनाहट गूंजेगी। भले ही जेलों की कालकोठरी में बंद महिला कैदियों से मिलने उनके पति आएं चाहे न आएं लेकिन सात जन्मों के रिश्तों को बरकरार रखने की खातिर वह सज-धज कर नई नवेली दुल्हन की तरह चांद भी पूजेगी और अपने पति के.

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शिमला: हिमाचल की जेलों में इस बार कांच की चूड़ियों की खनखनाहट गूंजेगी। भले ही जेलों की कालकोठरी में बंद महिला कैदियों से मिलने उनके पति आएं चाहे न आएं लेकिन सात जन्मों के रिश्तों को बरकरार रखने की खातिर वह सज-धज कर नई नवेली दुल्हन की तरह चांद भी पूजेगी और अपने पति के दीदार को लालायित भी रहेगी, लेकिन सज धजकर बैठी महिला कैदियों को कालकोठरी के अंदर से ही अपने पति के दीदार करने होंगे। रस्मों परंपराओं की प्रतीक भारतीय नारी के 1 नवंबर को होने वाले इस व्रत को सफल बनाने के लिए जेल विभाग ने भी संजीदगी दिखाई है। इसके लिए जेल विभाग उनकी कुछ मांगे पूरी करेगा। खास बात यह है कि सुहागिन महिला कैदी भले ही जेल में सजा काट रही हो मगर यह बड़ी बात है कि जेल के अंदर भी परंपराओं व संस्कारों का निर्वहन करना वे भूली नहीं है।

भले ही उन्हें व्रत खोलने पर परंपरागत पकवान व रीति-रिवाज पूरे करने का मौका न मिल सके, बावजूद इसके वे भारतीय पुरुष भी कम भाग्यवान नहीं है जिनकी प}ियां जीवन के इस कठिन व अग्रिपरीक्षा के दौर में भी पति की दीर्घायु के लिए व्रत रख रही हैं। जब पुरूष कैदी भी हौसला छोड़ देते हैं, वहीं करवा चौथ व्रत को लेकर इस बार हिमाचली जेलों में भी कांच की चूड़ियों की खनखनाहट गूंजेगी। यहां 33 सजायता व 58 विचाराधीन महिला कैदियों को चांद का दीदार भले ही जेल की काल कोठरी से करना पड़े, मगर जेल विभाग की माने तो यहां सजायता व विचाराधीन महिला कैदियों को उनके पति से जरूर मिलने दिया जाएगा। जेलों में यह भी व्यवस्था की गई है कि अगर करवाचौथ के दिन किसी महिला का कैदी अपनी प}ी से मिलने जेल आता है तो उसे मिलने भी दिया जाएगा। उस दिन महिला कैदी दिन को विडियो काल के जरिए अपने पति के दीदार भी कर सकती है और अपना व्रत भी तोड़ सकती हैं।

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