श्रीनगर : भारतीय और चीनी सैनिकों ने गुरुवार को दिवाली के अवसर पर लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कई सीमा चौकियों पर एक दूसरे को मिठाइयां दीं। यह घटनाक्रम बॉर्डर पर तनाव में कमी को दर्शाता है क्योंकि भारत और चीन की ओर से केंद्र शासित प्रदेश में एलएसी पर सैनिकों के पीछे हटाने की प्रक्रिया जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भारतीय और चीनी सेनाओं ने दिवाली के अवसर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई सीमा चौकियों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच पीछे हटने की प्रक्रिया करीब-करीब पूरी हो गई है। दोनों सेनाओं ने एक-दूसरे की पोजीशन की वेरिफिकेशन प्रोसेस और इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने का काम को शुरू कर दिया है।
रक्षा सूत्रों के मुताबिक देपसांग मैदान और डेमचोक में टेंपरेरी स्ट्रक्चर को हटाने का काम पूरा हो गया है। दोनों पक्षों के लगभग सभी ऐसे स्थानों पर वेरिफिकेशन प्रोसेस चल रही है। वेरिफिकेशन प्रोसेस फिजिकली और साथ ही मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का इस्तेमाल करके की जा रही है।
साढ़े चार साल पहले चीनी घुसपैठ के बाद पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच सैन्य गतिरोध पैदा हो गया था। पिछले हफ्ते, भारत ने यह घोषणा करने की कि देपसांग मैदान और डेमचोक में पेट्रोलिंग को लेकर चीन के साथ समझौता हुआ है। बाद में बीजिंग ने भी इसकी पुष्टि की।
सेना के सूत्रों ने बताया कि वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरी होने के बाद अगले दो दिनों में समन्वित गश्त शुरू हो जाएगी। दोनों पक्षों की ओर से पहले से सूचना दे दी जाएगी ताकि टकराव की स्थिति पैदा न हो। देपसांग के मैदानों में अब भारतीय सैनिक ‘अड़चन’ वाले क्षेत्र से आगे गश्त कर सकेंगे। पहले चीनी सेना भारतीय सैनिकों को पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक पहुंचने से रोक रही थी।
डेमचोक में अब भारतीय सैनिक ट्रैक जंक्शन और चार्डगिं नाला पर पेट्रोलिंग प्वाइंट्स तक पहुंच सकेंगे। हालांकि, 2020 में गतिरोध के बाद लद्दाख में बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों की तैनाती तब तक जारी रहेगी, जब तक कि चीन के साथ सीमा पर पेट्रोलिंग तंत्र पर व्यापक सहमति नहीं बन जाती।
रक्षा सूत्रों ने कहा, ‘जब तक आपसी विश्वास का माहौल स्थापित नहीं हो जाता, तब तक निकट भविष्य में लद्दाख से किसी भी सैनिक को वापस बुलाने की कोई योजना नहीं है। सूत्रों ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में भी इसी तरह की व्यवस्था पर काम किया जा रहा है, जहां यांग्त्से, असाफिला और सुबनसिरी घाटियों में गतिरोध पैदा हो गया था।
Soldiers of the Indian and Chinese Army exchange sweets at the Chushul-Moldo border meeting point on the occasion of #Diwali.
(Source: Indian Army) pic.twitter.com/MwhGgIYQ98
— ANI (@ANI) October 31, 2024