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नौवीं कक्षा के छात्र के पेट से मिले घड़ी में लगने वाले सेल, ब्लेड के टुकड़े समेत 56 चीजें, ऑपरेशन करते वक्त डाक्टर हुए हैरान

Things Found in Stomach : UP हाथरस जिले में एक बहुत ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ पेट में दर्द की शिकायत लेकर आए एक किशोर के पेट जब डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया तो डाक्टरों ने उसमें से घड़ी में लगाने वाले सेल बरामद किए है। डॉक्टर भी यह देख अचंभित रह.

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Things Found in Stomach : UP हाथरस जिले में एक बहुत ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहाँ पेट में दर्द की शिकायत लेकर आए एक किशोर के पेट जब डॉक्टरों ने ऑपरेशन किया तो डाक्टरों ने उसमें से घड़ी में लगाने वाले सेल बरामद किए है। डॉक्टर भी यह देख अचंभित रह गए कि इतनी संख्या में किशोर के पेट के अंदर सेल आए कहां से।

ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने बच्चे के पेट से 56 आइटम बरामद किए। बच्चे के पेट से बड़ी संख्या में घड़ी में लगने वाले सेल, ब्लेड का टुकड़ा, चेन का कुंदा और एक पेंच मिला है।

सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह थी कि एक बार ऑपरेशन करके सभी चीजों को बाहर निकाला लिया गया था। ऑपरेशन के बाद फिर से पेट दर्द उठने पर जब डाक्टरों ने उसकी जांच की तो उसके पेट से तीन और सेल डॉक्टरों ने निकाले।

रत्नगर्भा कॉलोनी के रहने वाले नौवीं कक्षा के छात्र आदित्य की 28 अक्टूबर की रात 10 बजे के करीब मौत हो गई। बच्चे की मौत ने परिजनों को असमंजस में डाल दिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर बच्चे के पेट में यह चीज़े आई कहां से।

मृतक बच्चे के परिवार के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्चे के गले में कोई भी घाव का निशान नहीं पाया गया है। जिस से यह लगे कि किशोर ने खुद ही घड़ी के सेल और अन्य चीजों को निगल लिया हो। वह शहर के राजेंद्र लोहिया स्कूल में पढ़ता था। किशोर की मौत होने से परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है।

पिता ने दी मामले की पूरी जानकारी-

इस पूरे मामले में आदित्य के पिता संचेत शर्मा ने बताया कि 13 अक्तूबर को बेटे के पेट में दर्द और सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जिसके बाद वह बच्चे को लेकर शहर के एक निजी अस्पताल में गए थे। वहां से डॉक्टर ने बेटे को राजस्थान के जयपुर के SDMH हॉस्पिटल रेफर कर दिया था। अस्पताल में करीब 4 से 5 दिन तक उपचार करने के बाद बच्चे को घर भेज दिया गया।

घर पर आने के बाद बेटे ने 19 अक्तूबर को एक बार फिर सांस लेने में दिक्कत हुई तो परिजन अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में लेकर गए। यहां बच्चे की जांच कराई गई। जांच में रिपोर्ट सही आने पर डॉक्टरों ने बेटे को घर भेज दिया।

सांस लेने में लकलीफ़ की समस्या बनी रहने पर 25 अक्टूबर को नाक का सिटी स्कैन कराया गया। सिटी स्कैन में नाक के अंदर गांठ सामने आई तो 26 अक्टूबर को ऑपरेशन करके गांठ को निकाल दिया गया। इससे बच्चे को सांस लेने आ रही दिक्कत दूर हो गई। बच्चे के पेट में दर्द की परेशानी दूर न होने पर अल्ट्रासाउंड सेंटर में जांच कराई गई। अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देख परिजनों के साथ साथ लैब टेक्नीशियन भी हैरान रह गया। अल्ट्रासाउंड में किशोर के पेट के अंदर फिर से 19 चीजें दिखाई दी।

डॉक्टरों ने बच्चे को तुरंत हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। परिजन बच्चे को लेकर नोएडा के फॉर्टिस हॉस्पिटल पहुंचे। वहां जब एक बार फिर किशोर का अल्ट्रासाउंड कराया गया तो उसके पेट में मौजूद चीजों की संख्या बढ़कर 42 हो गई थी। बच्चे की स्थिति गंभीर देखते हुए तत्काल यहां से भी किशोर को रेफर कर दिया गया। इसके बाद बच्चे को सफदरगंज हॉस्पीटल ले जाया गया । यहां अल्ट्रासाउंड कराने पर बच्चे के पेट के अंदर घड़ी के सेल सहित 56 चीजें नजर आई।

इसके बाद 27 अक्टूबर को 5 घंटे के ऑपरेशन के बाद सभी चीजों को किशोर के पेट से बाहर निकाला गया। फिर से स्कैनिंग की गई तब पेट बिल्कुल साफ था। कुछ देर बाद दर्द होने पर फिर से अल्ट्रासाउंड कराया गया। उसके पेट में तीन चीजें और निकली, उन्हें बाहर निकाला गया। इसके कुछ घंटों बाद 28 अक्टूबर को किशोर की मौत हो गई।

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