Supreme Court on Pollution : दिल्ली के प्रदूषण में जबरदस्त बढ़ोतरी पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर और दिल्ली सरकार से सवाल किया है कि पटाखों पर बैन लागू करने के लिए उनकी तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं। इस बारे में कोर्ट को बताया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है की हलफनामा दायर कर यह भी बताएं कि अगले साल पूरी पटाखों पर बैन पूरी तरह से कैसे लगाया जाएगा और इसको लेकर क्या प्रस्ताव है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए.एस.ओका की अगुवाई वाली बेंच ने अखबार में छपी खबरों का हवाला दिया और कहा कि पटाखों पर बैन के लिए अदालत का जो आदेश था उसका उल्लंघन हुआ है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि बैन का उल्लंघन करने वालों पर क्या कार्रवाई की गई।
जवाब दाखिल करने के लिए मिला 1 हफ्ते का समय-
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से हफ्ते भर में जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 2022, 2023 की तुलना में 2024 की दिवाली अधिक गर्म रही।
राज्य सरकारों से भी मांगा जवाब-
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा सरकार से भी अक्टूबर के आखिरी 10 दिनों में पराली जलाने की घटना में होने वाली बढ़ोतरी पर जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों से कहा है कि वह 14 नवंबर तक जवाब दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि पटाखों पर बैन का जो भी उल्लंघन करते हैं उनके परिसरों को सील करने जैसी सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
बैन का असर रहा बेअसर-
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस बात पर कोई शक नहीं है कि बैन पर पूरी तरह से अमल हो पाया है। CSE की रिपोर्ट के अनुसार साफ है कि पटाखों पर बैन के आदेश सही से लागू नहीं हो पाए। इस कारण दिल्ली में दिवाली के दौरान होने वाला प्रदूषण और ज्यादा बढ़ गया है। बीते 2 सालों की तुलना में यह बहुत अधिक है।
दिवाली के दिनों में पराली भी बहुत अधिक जलाई गई। जस्टिस ओका की अगुवाई वाली बेंच दिल्ली और NCR में वायु प्रदूषण को लेकर एम.सी.मेहता की ओर से दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट में CSE की रिपोर्ट का हवाला देकर एमिकस क्यूरी अपराजिता सिंह ने कहा कि दिवाली के दिन एयर पल्यूशन में 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी रिकार्ड की गई। साथ ही इस दौरान पराली जलाने की घटना में बढ़ोतरी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से कहा है कि वह एक हफ्ते में हलफनामा दायर करे और अगली सुनवाई के लिए 14 नवंबर की तारीख तय कर दी है।