नई दिल्ली: 10 से अधिक देश जनता को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए भारत के जैनेरिक फार्मेसी मॉडल को अपनाने पर विचार कर रहे हैं। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। जुलाई में मॉरीशस अंतर्राष्ट्रीय जन औषधि केंद्र शुरू करने वाला पहला देश बन गया, जिससे उसे भारत के फार्मास्यूटिकल्स और मैडीकल डिवाइस ब्यूरो से लगभग 250 उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां प्राप्त करने में मदद मिली। इसमें कार्डियोवैस्कुलर एनाल्जेसिक ऑप्थाल्मिक और एंटी एलजिर्क दवाएं शामिल हैं। नेपाल, श्रीलंका, भूटान, घाना, सूरीनाम, निकारागुआ, मोजाम्बिक, सोलोमन द्वीप और तालिबान शासित अफगानिस्तान भी जन औषधि केंद्र खोलने पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट में बताया कि बुर्किना फासो, फिजी द्वीप समूह, तथा सेंट किट्स एवं नेविस इस योजना को लागू करने में मदद के लिए सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) एक जन कल्याणकारी योजना है जिसे नवंबर 2008 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। जन औषधि केंद्रों के माध्यम से आम जनता को सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं।