Green Tax : हिमाचल प्रदेश के पर्यटन नगरी मनाली में हर रोज लाखों की संख्या में सैलानी पहुंचते है। ऐसे में यहां आने वाले टूरिस्टों के वाहनों के उत्पन्न हुए कार्बन फुटप्रिंट की भरपाई के लिए ग्रीन टैक्स लिया जाता है। एनजीटी के आदेशों के चलते ही प्रदेश में सभी पर्यटक गाड़ियों, बसों और टैक्सियों के लिए यह टैक्स चुकाना अनिवार्य होता है।
कुल्लू में ग्रीन टैक्स से 10 महीनों में हुई 6 करोड़ की आय
आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2024 से लेकर अक्टूबर 2024 के दौरान यहां 3,03,383 टूरिस्ट व्हीकल मनाली आए। जिससे पर्यटन विभाग को 6,23,76,676 का राजस्व मिला है। हालांकि नवंबर का आधा महीना भी बीत चुका और है अब यहां पर्यटकों के बढ़ने की भी उम्मीद है।
पर्यटन विकास कार्यों में इस्तेमाल होगी यह धनराशि
जिला पर्यटन अधिकारी सुनयना शर्मा ने बताया कि 2024 में जनवरी महीने से अक्टूबर तक पर्यटन विभाग को यह आय प्राप्त हुई है। ग्रीन टैक्स बैरियर से उत्पन हुई आय को पर्यटन विकास कार्यों में ही उपयोग किया जाता है। ग्रीन टैक्स से इकट्ठा की गई राशि का उपयोग मनाली को विकसित करने और इसे हरा-भरा बनाने व सैलानियों के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए किया जाएगा। ऐसे में मनाली में चल रहे पार्किंग के कार्य, बस स्टैंड के निर्माण, वॉकिंग ट्रेल्स और अन्य कार्यों में इन धनराशि को इस्तेमाल होना है।