नयी दिल्ली: शांति योद्धा डैनियल बरेनबोइम और अली अबू अव्वाद को शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए संयुक्त रूप से आज 2023 के प्रतिष्ठित इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार से नवाज़ा गया।
इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट ने बरेनबोइम और अव्वाद को संगीत, संवाद तथा लोगों की भागीदारी के अहिंसक साधनों के माध्यम से इजरायल और फलस्तीनी के लोगों के बीच सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए जीवन समर्पित करने के लिए सम्मनित किया है। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता वाली जूरी ने पुरस्कार विजेताओं के नाम का चयन किया है।
शांति योद्धा बरेनबोइम अर्जेंटीना में जन्मे प्रतिष्ठित शास्त्रीय पियानोवादक और कंडक्टर हैं। वे पश्चिम एशिया में सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए संगीत का उपयोग करने के अपने अथक प्रयास के लिए भी जाने जाते हैं।
अली अबू अव्वाद एक प्रख्यात फलस्तीनी शांति कार्यकर्ता हैं, जो पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए फलस्तीन और इजरायल के लोगों के साथ अथक प्रयास कर रहे हैं। अबू अव्वाद का जन्म 1972 में हुआ और उनका पालन-पोषण शरणार्थी परिवार में हुआ था। तीन साल तक जेल में रहने के दौरान एक-दूसरे से मिलने में असमर्थ अली और उनकी माँ ने 17 दिनों की भूख हड़ताल की, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मुलाकात की अनुमति मिली। यह सफलता अबू अव्वाद के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था, जब उन्हें एहसास हुआ कि गांधीवादी सिद्धांतों पर चलकर अहिंसा से ही स्वतंत्रता और सम्मान के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
इंदिरा गाँधी शांति पुरस्कार ग्रहण करते हुए अली अबू अव्वाद ने कहा कि उन्होंने जेल में रहते हुए अहिंसा की शक्ति के बारे में सीखा। उन्होंने गांधी जी एवं जवाहर लाल नेहरू जी के बारे में बहुत पढ़ा है और वे उन्हें प्रेरित करते हैं। अव्वाद ने कहा कि इनसे उन्होंने सीखा कि एक-दूसरे को पहचानने और एक-दूसरे की रक्षा करने की हमारी क्षमता ही हमें इंसान बनाती है। डैनियल बरेनबोइम की ओर से मरियम सी. सईद ने पुरस्कार समारोह में हिस्सा लिया और पुरस्कार ग्रहण किया।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित इस समारोह में इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी, जूरी के मौजूदा अध्यक्ष शिवशंकर मेनन, पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर और अन्य शामिल हुए।