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रामपुर में Eco-Tourism को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग द्वारा किया गया बैठक का आयोजन 

बैठक में शिमला, कुल्लू और किन्नौर जिलों के जिला परिषद के प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने  भी भाग लिया।

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Rampur Forest Department Meeting : रामपुर में वन विभाग द्वारा इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य अरण्यपाल  थईरूमल द्वारा किया गया। बैठक में शिमला, कुल्लू और किन्नौर जिलों के जिला परिषद के प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने  भी भाग लिया।

यह आयोजन क्षेत्र में पर्यावरणीय पर्यटन के विकास और इसे स्थानीय समुदायों के लाभ से जोड़ने के लिए आयोजित किया गया। इन सभी ने सामूहिक रूप से इको टूरिज्म के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। शिमला, कुल्लू और किन्नौर जैसे महत्वपूर्ण जिलों के प्रतिनिधित्व से यह स्पष्ट हुआ कि यह पहल व्यापक क्षेत्र को कवर करेगी और विभिन्न स्थानों की विशेषताओं को ध्यान में रखेगी।

वहीं जानकारी देते हुए मुख्य अरण्य पाल थईरूमल ने बताया कि इको टूरिज्म का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना और स्थायी विकास को बढ़ावा देना है। बैठक में यह तय किया गया कि इको टूरिज्म को स्थानीय संस्कृति और परंपराओं के साथ जोड़ा जाएगा ताकि पर्यटकों को प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव प्राप्त हो सके।

Rampur Forest Department Meeting

साथ ही, यह पहल स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि  इको टूरिज्म की गतिविधियाँ पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए संचालित की जाएंगी। जंगलों की सुरक्षा और जैव विविधता को प्राथमिकता दी जाएगी।

मुख्य अरण्य पाल ने बताया  कि कैसे विभिन्न जिलों की प्राकृतिक सुंदरता, जैसे किन्नौर की ऊँचाई वाले क्षेत्र, कुल्लू के बाग-बगीचे, और शिमला के जंगल, पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। इसके लिए विशेष गाइड, ट्रेकिंग मार्ग, और कैंपिंग सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ साथ स्थानीय लोगों को इस पहल में शामिल किया जाएगा।

उनके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे ताकि वे गाइड, होमस्टे संचालक, और अन्य भूमिकाओं में योगदान कर सकें। मुख्य अरण्य पाल थईरूमल ने बताया कि रामपुर में आयोजित इस बैठक ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस आधार तैयार किया। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य को पूरा करेगी, बल्कि स्थानीय समुदायों के लिए रोजगार और आर्थिक लाभ भी सुनिश्चित करेगी।

शिमला, कुल्लू और किन्नौर जैसे प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर क्षेत्रों में इको टूरिज्म का विकास न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि क्षेत्र के सतत विकास में भी योगदान देगा। इस बैठक में शिमला जिला परिषद अध्यक्षा चंद्रप्रभा नेगी, कुल्लू जिला के जिला परिषद सदस्य पंकज परमार, जिला किन्नौर के जिला परिषद सदस्य व विभिन्न उपमंडलों के वन मंडलाधिकारी व आरो भी मौजूद रहे।

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