नई दिल्ली: सरकार ने करदाताओं को क्यूआर कोड सुविधा से लैस नए तरह के पैन कार्ड जारी करने के लिए 1,435 करोड़ रुपए की एक परियोजना को मंजूरी दी है। ये परियोजना ‘स्थायी खाता संख्या’ (पैन) जारी करने की मौजूदा प्रणाली को सुधारने के मकसद से लाई गई है। पैन 2.0 परियोजना का उद्देश्य सरकारी एजैंसियों की सभी डिजिटल प्रणालियों के लिए एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ तैयार करना है। पैन आयकर विभाग की तरफ से जारी होने वाली 10 अंक की एक विशिष्ट संख्या है। इसमें अंकों के साथ अंग्रेजी अक्षरों को भी कूटबद्ध रूप से शामिल किया जाता है। ये संख्या भारतीय करदाताओं को विशिष्ट रूप से जारी की जाती है। आíथक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई। इसके लिए 1,435 करोड़ रुपए का वित्तीय परिव्यय किया गया है। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस निर्णय के बारे में संवाददाताओं से कहा कि कारोबारी प्रतिष्ठान पहचान के लिए इस्तेमाल होने वाले तीन-चार अलग पहचानकर्ताओं के बजाय एक ‘समान व्यवसाय पहचानकर्ता’ की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पैन 2.0 परियोजना शुरू होने के बाद भी व्यक्तियों और व्यवसायों के पास मौजूदा पैन वैध रहेगा और उन्हें अपना पुराना नंबर बदलने की कोई जरूरत नहीं होगी।