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शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में स्केटरों की उमड़ी भीड़, लोगों में दिखा जबरदस्त उत्साह

सैकेंड सेटर-डे की छुट्टी की वजह से आज भी बड़ी संख्या में स्केटर्स ने यहां स्केटिंग की। इस दौरान स्केटर्स में जबरदस्त उत्साह देखा गया।

शिमला (कुलदीप) : राजधानी शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में चार दिन से स्केटिंग हो रही है लेकिन शनिवार को शिमला के आइस स्केटिंग रिंक में स्केटरों की भीड़ उमड़ी। आपकों बता दें कि अभी सुबह के समय ही स्केटिंग हो पा रही है। दिन में तापमान ज्यादा होने से शाम को आइस नहीं टिक पा रही। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी और रिंक में ज्यादा आइस जमेगी, उसके बाद सुबह और शाम दोनों सेशन में स्केटिंग हो जाएगी।

शिमला के आइस स्केटिंग रिंक क्लब के ऑर्गेनाइजिंग सेकेट्ररी रजत मल्होत्र और क्लब के पदाधिकारी सुदीप महाजन ने बताया कि शनिवार को पहले दिन 50 से ज्यादा स्केटर्स ने यहां स्केटिंग की। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों सहित देशभर के पर्यटक भी शिमला में स्केटिंग का आनंद उठा सकते हैं। गौरतलब है कि शिमला के लक्कड़ बाजार में ब्रिटिश काल से आइस स्केटिंग रिंक बना हुआ है।

यहां दिसंबर के दूसरे सप्ताह से अगले तीन महीने तक स्केटिंग होती है, जिसमें लोकल के साथ साथ देशीविदेशी पर्यटक भी स्केटिंग का आनंद उठाते हैं। सैकेंड सेटर-डे की छुट्टी की वजह से आज भी बड़ी संख्या में स्केटर्स ने यहां स्केटिंग की। इस दौरान स्केटर्स में जबरदस्त उत्साह देखा गया।

शिमला में प्राकृतिक विधि से जमाई जाती है बर्फ प्राकृतिक विधि से आइस जमाने वाला यह एशिया का इकलौता आइस स्केटिंग रिंक है। यहां पर अब अगले दो से तीन महीने तक 300 रुपए फीस देकर स्केटिंग की जा सकती है। पर्यटक भी स्केटिंग का आनंद उठा सकते हैं। उन्हें अपने साथ स्केट लाने की भी जरूरत नहीं होगी। इन्हें स्केटिंग क्लब मुहैया कराता है।

शिमला के लक्कड़ बाजार रिंक में प्राकृतिक विधि से आइस को जमाया जाता है। यहां पर शाम के समय रिंक में पानी डाला जाता है। सुबह को यह जम जाता है। इस पर स्केटिंग होती है। हालांकि, आसमान में बादल छाने और तापमान अधिक होने से आइस जमाने में कठिनाई होती है। इससे यह पिघल जाती है, लेकिन ठंड में यह जल्दी जम जाती है।

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