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CM योगी ने संभल में बंद पड़े 22 कुओं और खंडित मूर्तियों पर उठाए सवाल…हिंदू समुदाय पर हुए अत्याचार का किया जिक्र

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मंदिर, जो पिछले 46 सालों से बंद पड़ा था, अब फिर से पूजा-अर्चना के लिए खोला गया है। मंगलवार को इस मंदिर में हनुमान जी की पूजा की गई। इस मंदिर के पास एक कुआं भी मिला है, जिसमें भगवान की खंडित मूर्तियां पाई गई.

उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक मंदिर, जो पिछले 46 सालों से बंद पड़ा था, अब फिर से पूजा-अर्चना के लिए खोला गया है। मंगलवार को इस मंदिर में हनुमान जी की पूजा की गई। इस मंदिर के पास एक कुआं भी मिला है, जिसमें भगवान की खंडित मूर्तियां पाई गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए कई महत्वपूर्ण सवाल किए।

1978 के दंगों के बाद हिंदुओं का पलायन

सीएम योगी ने विधानसभा में बताया कि 1978 के बाद से संभल में दंगे हुए थे, जिसके कारण हिंदू समुदाय के लोग अपने घरों से पलायन कर गए थे। उन्होंने कहा कि इस समय की कई घटनाओं को समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा नकारा जा रहा है। सीएम ने यह भी सवाल किया कि संभल में 22 कुएं क्यों बंद कर दिए गए थे।

कुएं में मिली खंडित मूर्तियां

संभल के एक मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मंदिर के पास स्थित एक कुएं की खुदाई की गई, जहां भगवान की कई खंडित मूर्तियां मिलीं। इसके बाद सीएम योगी ने सपा के विधायकों से सवाल किया कि इन कुओं को क्यों बंद किया गया था और क्या इन मूर्तियों को जानबूझकर छुपाया गया था। बता दें कि संभल में इस समय अतिक्रमण हटाने का अभियान भी चल रहा है। बिजली विभाग की टीम ने जब जांच की, तो पाया कि कई घरों में धार्मिक स्थलों से बिजली चोरी हो रही थी। इस पर कार्रवाई करते हुए 1200 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। इसके बाद प्रशासन ने बुलडोजर एक्शन शुरू किया है और अतिक्रमण हटा रहा है।

मंदिर में हनुमान जी की पूजा

संभल के नखासा इलाके के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में 46 साल बाद खोले गए मंदिर में मंगलवार को हनुमान जी की पूजा अर्चना की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। मंदिर को फूलों से सजाया गया और हनुमान जी की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाया गया।

मकान मालिक का अतिक्रमण हटाने का फैसला

मंदिर के पास स्थित मकानों के अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। एएसपी ने मंदिर के पास स्थित मकान में जाकर जांच की और बताया कि मकान मालिक मतीन ने खुद ही अपने घर के छज्जे को हटवाने का फैसला लिया है। मतीन ने कहा कि वह मंदिर के ध्यान में किसी भी प्रकार की रुकावट नहीं चाहते और इसलिए अतिक्रमण हटा रहे हैं।

1947 से 1978 तक दंगों का इतिहास

सीएम योगी ने संभल में हुए दंगों का इतिहास भी बताया। उन्होंने कहा कि 1947 से लेकर 1978 तक लगातार दंगे होते रहे, जिसमें कई हिंदू मारे गए। उन्होंने यह भी कहा कि 1978 के दंगे में 184 हिंदू एक साथ जलाकर मार दिए गए थे। सीएम ने आरोप लगाया कि इन घटनाओं को लगातार नजरअंदाज किया गया और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कभी इन हिंदुओं की हत्याओं के खिलाफ आवाज नहीं उठाई।

1978 के दंगे की घटनाएं

सीएम योगी ने 1978 के दंगे की एक खौ़फनाक घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि एक वैश्य व्यापारी, जिसने कई लोगों से पैसे उधार लिए थे, के घर के पास हिंदू परिवार इकट्ठा हुए थे। दंगाइयों ने इन परिवारों को घेर लिया और फिर उन्हें इस वजह से प्रताड़ित किया कि वे उधारी का पैसा मांगने आए थे। इसके बाद दंगाइयों ने उनके हाथ, पैर काटे और फिर गला रेतकर उन्हें मार डाला।

समाज में सौहार्द की बातों पर सवाल

सीएम योगी ने इस घटना का जिक्र करते हुए सवाल किया कि इस तरह की हिंसा के बाद भी लोग समाज में सौहार्द की बातें कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 1978 के दंगे के समय हुई बर्बरता को स्वीकार नहीं किया जा सकता और यह स्थिति समाज के लिए शर्मनाक है।

संभल में हुई ये घटनाएं और सीएम योगी के सवाल समाज के लिए एक बड़ी चेतावनी हैं। अतिक्रमण हटाने का अभियान और मंदिर की पूजा शुरू होने के साथ-साथ, यह भी स्पष्ट होता है कि यहां कई मुद्दे हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए। 1978 के दंगे और उनकी परिणामस्वरूप हिंदू समुदाय पर हुए अत्याचारों को लेकर सीएम ने जो सवाल उठाए हैं, वे समाज में समानता और शांति की दिशा में एक अहम कदम हो सकते हैं।

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