Cyclone Chido: फ्रांस के मायोट में आए विनाशकारी तूफान चिडो से मची तबाही पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया। साथ ही उन्होंने हरसंभव मदद की पेशकश की। पीएम मोदी की संवेदनाओं का सम्मान करते हुए राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आभार व्यक्त किया। चिडो एक विनाशकारी तूफान था, जिसने शनिवार को फ्रांसीसी द्वीपसमूह मायोट में तबाही मचाई थी।
फ्रांस के अनुसार, चक्रवात चिडो 90 से अधिक वर्षों में मायोट में आने वाला सबसे शक्तिशाली तूफान था।
प्रलयकारी हवाओं ने पूरे पड़ोस को तहस-नहस कर दिया, बिजली के ग्रिड को नष्ट कर दिया और अस्पतालों, स्कूलों और हवाई अड्डे के नियंत्रण टॉवर सहित महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने हर संभव मदद का किया वादा,
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा था, ‘मायोट में चक्रवात चिडो के कारण हुई तबाही से मैं बहुत दुखी हूँ। मेरी संवेदनाएँ और प्रार्थनाएँ पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि राष्ट्रपति @EmmanuelMacron के नेतृत्व में फ्रांस इस त्रासदी से दृढ़ता और दृढ़ संकल्प के साथ उबर जाएगा। भारत फ्रांस के साथ एकजुटता में खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।‘ प्रधानमंत्री मोदी के संदेश का जवाब देते हुए, राष्ट्रपति मैक्रों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘प्रिय नरेंद्र मोदी, आपके विचारों और समर्थन के लिए धन्यवाद।‘
Deeply saddened by the devastation caused by Cyclone Chido in Mayotte. My thoughts and prayers are with the victims and their families. I am confident that under President @EmmanuelMacron’s leadership, France will overcome this tragedy with resilience and resolve. India stands in…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 17, 2024
चक्रवात चिडो ने मचाई तबाही
श्रेणी 4 के तूफान, चक्रवात चिडो ने सप्ताहांत में दक्षिण-पश्चिमी हिंद महासागर में तबाही मचा दी। चक्रवात ने सबसे पहले उत्तरी मेडागास्कर को प्रभावित किया, फिर तेजी से 220 किमी प्रति घंटे (136 मील प्रति घंटे) से अधिक की हवा की गति के साथ मायोट में दस्तक दी।
तूफान, जिसने 300,000 से अधिक निवासियों वाले द्वीपसमूह को प्रभावित किया, उत्तरी मोजाम्बिक में भी भारी तबाही मचाई।
फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रेंकोइस बायरू ने एक बैठक के दौरान टिप्पणी की, ‘हर कोई समझता है कि यह एक ऐसा चक्रवात था जो अप्रत्याशित रूप से विनाशकारी था।‘
चक्रवात से होने वाली मौतों की संख्या चौंका देने वाली है, अधिकारियों को डर है कि मरने वालों की संख्या हजारों में हो सकती है।
प्रीफेक्ट फ्रेंकोइस-जेवियर बियुविल के अनुसार, ‘मुझे लगता है कि निश्चित रूप से कई सौ, शायद हम एक हजार या यहां तक कि कई हजार‘ मौतें होंगी, जैसा कि प्रसारक मायोट ला प्रीमियर ने बताया है।‘
प्रारंभिक रिपोटरें ने 11 मौतों की पुष्टि की, लेकिन बचाव प्रयासों के जारी रहने के कारण संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (आईएफआरसी) ने मंगलवार को मायोट में अपने 200 से अधिक स्वयंसेवकों के लापता होने पर चिंता व्यक्त की थी।
आईएफआरसी ने एक्स पर कहा, ‘चक्रवात चिडो के कारण 220 किमी/घंटा तक की हवाओं ने फ्रांसीसी विदेशी क्षेत्र मायोट को तबाह कर दिया है। यह आशंका है कि 200 से अधिक .. स्वयंसेवक लापता हैं।‘