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नशे के खिलाफ अच्छा काम करने वालों को सरकार करेगी सम्मानित: सीएम सैनी

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि नशे के खिलाफ अच्छा काम करने वाली पंचायतों तथा नशे की तस्करी या आपूर्ति को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी संबंधित अधिकारी अपने क्षेत्र में नशे पर.

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि नशे के खिलाफ अच्छा काम करने वाली पंचायतों तथा नशे की तस्करी या आपूर्ति को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई करने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यदि कोई भी संबंधित अधिकारी अपने क्षेत्र में नशे पर अंकुश लगाने में विफल रहता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सरकार हरियाणा को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नशे से जुड़े मामलों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री बुधवार को पंचकूला में नशे के खिलाफ आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि नशीली दवाओं का दुरुपयोग एक वैश्विक मुद्दा बन गया है। नशीली दवाओं की तस्करी में आतंकवादी समूहों और सिंडिकेटों की संलिप्तता ने नार्को-आतंकवाद के खतरे को जन्म दिया है, जो अब देशों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता की चिंता का विषय बन गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स राज्य से नशे को जड़ से खत्म करने के लिए लगातार काम कर रही है। सरकार ने नशे की समस्या से निपटने के लिए पंचकूला में एक अंतर-राज्यीय सचिवालय की स्थापना की है।

सात उत्तरी राज्यों – हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, उत्तराखंड और राजस्थान के प्रतिनिधि नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए समन्वय और सूचना साझा करते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई का आह्वान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने नशा मुक्त समाज बनाने का बीड़ा उठाया है। उनके नेतृत्व में मादक पदार्थों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई है।

नायब सिंह सैनी ने बताया कि राज्य में 52 नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र खोले गए हैं। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में नशा मुक्ति वार्ड भी बनाए गए हैं। इसके अलावा 13 जिला नागरिक अस्पतालों में नशा मुक्ति केंद्र हैं।

उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति और पुनर्वास के लिए गांव, वार्ड और राज्य स्तर पर मिशन टीमें बनाई गई हैं। नशीले पदार्थों की अवैध बिक्री को रोकने के लिए राज्य के सभी केमिस्ट स्टोर्स के लिए ‘साथी’ नाम से एक मोबाइल ऐप विकसित किया गया है।

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