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एक साल बाद बंद सार्वजनिक शौचालय में मिला कंकाल, फोरेंसिक जांच शुरू; अधिकारियों ने दी प्रतिक्रिया

करीब 39-39 लाख की लागत से बने सार्वजनिक शौचालय विभागीय लापरवाही के कारण कब्रिस्तान बन गए हैं। अब विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचने और मनगढ़ंत कहानियां गढ़ने में लगा है।

फतेहगढ़ साहिब: जिले के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग में सरकारी लापरवाही का नया उदाहरण सामने आया है। शहीदी सभा की तैयारियों के दौरान एक सार्वजनिक शौचालय खोला गया तो उसमें एक कंकाल मिला। शव को दीमक खा गए थे। करीब 39-39 लाख की लागत से बने सार्वजनिक शौचालय विभागीय लापरवाही के कारण कब्रिस्तान बन गए हैं। अब विभाग अपनी जिम्मेदारी से बचने और मनगढ़ंत कहानियां गढ़ने में लगा है।

पिछले साल शहीदी सभा में उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए 6.64 करोड़ की लागत से 17 शौचालय बनाए गए थे। इन शौचालयों के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग की थी।

कार्यक्रम की तैयारियों के दौरान विभाग ने सफाई के लिए सार्वजनिक शौचालय खोले और 10 दिसंबर को गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरूप साहिब के पास एक शौचालय में एक शव मिला। दीमक लगने के कारण शव सड़ कर कंकाल बन गया था।

विभाग ने पुलिस को सूचित किया और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद कंकाल को सावधानीपूर्वक निकालकर सिविल अस्पताल के शवगृह में रखवा दिया गया। प्रारंभिक पोस्टमार्टम के बाद कंकाल को फोरेंसिक जांच के लिए एसएफएसएल खरड़ भेज दिया गया।

शव को दीमकों ने खा लिया था, इसलिए उसकी पहचान नहीं हो सकी। कंकाल के पास एक बैग मिला, लेकिन उसमें कोई ऐसी चीज नहीं मिली, जिससे व्यक्ति की पहचान हो सके। मामले की जांच कर रहे फतेहगढ़ साहिब थाने के एएसआई लखबीर सिंह ने बताया कि शव के पास ऐसी कोई चीज नहीं मिली, जिससे उसकी पहचान हो सके।

इस बीच, एसएमओ डॉ. केडी सिंह ने पुष्टि की कि प्रारंभिक जांच के बाद शव को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि शव कई महीने पुराना हो सकता है और रिपोर्ट आने के बाद ही विस्तृत जानकारी मिल पाएगी।

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