Haryana News : गुरुग्राम। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) चीफ ओमप्रकाश चौटाला का शुक्रवार को निधन हो गया। 89 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने आवास पर अंतिम सांस ली। चौटाला बीते कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।
ओमप्रकाश चौटाला ने प्रदेश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, प्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप में भी उन्होंने जिम्मेदारी निभाई थी। चौटाला की पहचान एक कद्दावर नेता के रूप में रही है। उनकी गिनती हरियाणा के प्रभावशाली नेताओं में होती है। 2022 में 12वीं परीक्षा उत्तीर्ण करने को लेकर भी काफी चर्चा में रहे थे।
मिल रही जानकारी के अनुसार, ओपी चौटाला का पार्थिव शरीर सिरसा स्थित उनके पैतृक गांव लाया जाएगा और लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
चौटाला परिवार और राजनीतिक विरासत
हरियाणा की राजनीति में चौधरी देवीलाल का नाम बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है। देवीलाल देश के उप प्रधानमंत्री (डिप्टी पीएम) भी रहे। उनके परिवार में पांच संतानें थीं, जिनमें चार बेटे थे। प्रताप चौटाला, रणजीत सिंह, जगदीश चौटाला और ओमप्रकाश चौटाला।
देवीलाल के राजनीतिक जीवन से प्रेरित होकर, उनके बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला ने राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। देवीलाल के उप प्रधानमंत्री बनने के बाद, ओमप्रकाश चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में कदम रखा और राज्य के मुख्यमंत्री बने।
मुख्यमंत्री के रूप में ओमप्रकाश चौटाला का सफर
पहली बार मुख्यमंत्री बनने का सफर:
राजनीतिक संघर्ष:
1991 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उनकी राजनीतिक यात्रा में कुछ समय तक संघर्ष रहा।
चौधरी देवीलाल का 2001 में देहांत हो गया था
चौधरी देवीलाल का 2001 में देहांत हो गया। इसके बाद भी ओमप्रकाश चौटाला ने हरियाणा की राजनीति में अपना प्रभाव बनाए रखा। उन्होंने हरियाणा की राजनीति में बड़े बदलाव लाए और किसानों तथा ग्रामीण समुदायों के लिए कई अहम फैसले लिए।
राजनीति में दशकों तक सक्रिय रहा चौटाला परिवार
ओमप्रकाश चौटाला ने हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) को मजबूत किया। उनका परिवार हरियाणा की राजनीति में दशकों तक सक्रिय रहा। उनके निधन के साथ, हरियाणा की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है।