विज्ञापन

Himachal Pradesh Assembly में पहला शून्यकाल आयोजित, 7 विधायकों ने उठाए मुद्दे

धर्मशाला : Himachal Pradesh Assembly में शुक्रवार को पहला शून्यकाल आयोजित किया गया जिसमें सात विधायकों ने जनता से जुड़े मुद्दे उठाए। लाहौल और स्पीति से कांग्रेस विधायक अनुराधा राणा राज्य विधानसभा में दोपहर 12 बजे से साढ़े 12 बजे के बीच आयोजित शून्यकाल के दौरान मुद्दा उठाने वाली पहली विधायक थीं। उन्होंने अपने निर्वाचन.

धर्मशाला : Himachal Pradesh Assembly में शुक्रवार को पहला शून्यकाल आयोजित किया गया जिसमें सात विधायकों ने जनता से जुड़े मुद्दे उठाए। लाहौल और स्पीति से कांग्रेस विधायक अनुराधा राणा राज्य विधानसभा में दोपहर 12 बजे से साढ़े 12 बजे के बीच आयोजित शून्यकाल के दौरान मुद्दा उठाने वाली पहली विधायक थीं। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में दो टोल टैक्स बाधाओं के बारे में बात की। शून्यकाल के दौरान मुद्दे उठाने वाले अन्य विधायकों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक जनक राज, सुखराम चौधरी और त्रिलोक जामवाल के साथ-साथ कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया, संजय रतन और हरदीप सिंह बाबा शामिल थे। उन्होंने शाहपुर में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के निर्माण के कारण नहरों के दबने, बादल फटने, स्वतंत्रता सेनानी स्मारक के निर्माण, नयी ग्राम पंचायतों के गठन के मानदंड और जल योजनाओं को प्रभावित करने वाले बॉटिंलग प्लांट जैसे विभिन्न मुद्दों पर बात की। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि शून्य काल विधायकों को जनहित के मुद्दे उठाने की अनुमति देता है और अगर वे इसमें भाग लेना चाहते हैं तो उन्हें सत्र शुरू होने से कम से कम 90 मिनट पहले विधानसभा सचिव को सूचित करना होगा। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने इस पहल की प्रशंसा की और सदस्यों के लिए इस संबंध में मार्गदर्शन का अनुरोध किया जबकि राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसे राज्य विधानसभा के इतिहास में मील का पत्थर बताया तथा सदस्यों से इस मंच का प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करने का अनुरोध किया। उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधानसभा अध्यक्ष को शीतकालीन सत्र के दौरान ‘नेवा’ (राष्ट्रीय ई-विधान आवेदन) और शून्य काल की शुरुआत के लिए बधाई दी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चार दिवसीय सत्र बुधवार को धर्मशाला में तपोवन परिसर में शुरू हुआ था। बुधवार को विधानसभा में विपक्ष द्वारा नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव के जरिए भ्रष्टाचार पर चर्चा के कारण शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हो पाया।

Latest News