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सिरसा में बरसात से रबी की फसलों को मिली संजीवनी, बढ़ी ठंड

बरसात से किसानों के चेहरों पर रौनक छा गई है, वहीं खेतों में फसलें भी लहलहाने लगी है।

सिरसा (रवि बंसल) : जिलाभर में सोमवार तड़के हलकी बरसात शुरू हुई जो कि रूक-रूक कर साढ़े 9 बजे तक जारी रही। लंबे समय के अंतराल के बाद हुई बरसात से रबी की फसलों को संजीवनी मिली है, वहीं मौसम में एकाएक ठंडक आ गई है। दिनभर लोग अपने घरों में ही दुबके रहे और अलाव का सहारा लिया। किसानों का कहना है कि इस समय बरसात अच्छी होती है। ओलावृष्टि घातक हो सकती है।

किसान महेंद्र सिंह, जगदीश, विकास, सुरेश कुमार का कहना है कि पौष के महीने में तो फुंहार ही अच्छी होती है लेकिन आज हुई बारिश से गेहूं, सरसों, चने इत्यादि फसलों को काफी फायदा होगा। बरसात से किसानों के चेहरों पर रौनक छा गई है, वहीं खेतों में फसलें भी लहलहाने लगी है। चोपटा खंड में करीब 64000 हेक्टेयर में खड़ी गेहूं, चने, सरसों व जौ आदि रबी की फसल के लिए संजीवनी का काम कर रही है।

इसके साथ ही निकटवर्ती राजस्थान में बारिश हुई हैं। चोपटा खंड में इस बार किसानों ने 38000 हेक्टेयर में गेहूं, 23000 हेक्टेयर में सरसों, 2050 हेक्टेयर में चना व 1200 हेक्टेयर में जौ, चारा व अन्य फसलों की बिजाई की है। इस फसल पर मंडरा रहा पाले का खतरा टल गया है। राजस्थान कि सीमा से सटे पैंतालिसा क्षेत्र के कागदाना, कुम्हारिया, खेड़ी, जसानियां, चाहरवाला, जोगीवाला, रामपुरा नवाबाद, गिगोरानी, शाहपूरिया, रूपावास सहित सभी गावों में पूरे दिन रुक रुक कर हो रही बरसात से मौसम में ठंडक तो बढ़ गई लेकिन रबी की फसल के लिए भी फायदेमंद साबित होगी।

इस बारे में कृषि विकास अधिकारी डॉ. शैलेंद्र सहारण ने बताया कि चोपटा खंड में इस बार किसानों ने 38000 हेक्टेयर में गेहूं, 23000 हेक्टेयर में सरसों, 2050 हेक्टेयर में चना व 1200 हेक्टेयर में जौ, चारा व अन्य फसलों की बिजाई की है। इस समय बरसात से रबी की फसल को काफी फायदा होगा।

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