27 सालों से Delhi की सत्ता से दूर रही BJP…कभी Congress ताे कभी AAP ने लहराया परचम, जानिए कैसा रहा 1993 के बाद का सफर
27 सालों से Delhi की सत्ता से दूर रही BJP…कभी Congress ताे कभी AAP ने लहराया परचम, जानिए कैसा रहा 1993 के बाद का सफर
Delhi Assembly Election : दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हाे चुका हैं, सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी हुई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP), विपक्षी भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच एक रोमांचक त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। दोनों विपक्षी पार्टियां राष्ट्रीय राजधानी में फिर.
Delhi Assembly Election :दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हाे चुका हैं, सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में लगी हुई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP), विपक्षी भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच एक रोमांचक त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। दोनों विपक्षी पार्टियां राष्ट्रीय राजधानी में फिर से सत्ता हासिल करना चाहती हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने बताया कि 5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा का चुनाव होगा। इसके साथ ही 8 को मतगणना होगी। बता दें कि चुनाव एक चरणों में संपन्न किया जाएगा।
बता दें, आम आदमी पार्टी (AAP) अपने सभी 70 उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है। वहीं, BJP ने अभी तक अपने केवल 29 प्रत्याशियों की एक लिस्ट जारी की है। इसके साथ ही कांग्रेस (Congress) ने 47 उम्मीदवारों के नामो का ऐलान कर दिया है। वहीं अजित पवार की NCP ने भी 11 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया हैं।
BJP लगातार 6 बार हारी दिल्ली विधानसभा चुनाव
भारतीय जनता पार्टी (BJP) 27 साल से दिल्ली विधानसभा चुनाव में जीत नहीं सकी हैं, जिस कारण BJP की तरफ से पूर काेशिश कर रही हैं, कि इस बार दिल्ली की जनता का दिल जीत सके। BJP लगातार 6 बार दिल्ली विधानसभा चुनाव हार रही हैं। अब देखना ये हाेगा कि इस बार माेदी का जादू जनता पर चलता हैं, कि नहीं। BJP ने अभी तक अपने केवल 29 प्रत्याशियों की एक लिस्ट जारी की है। BJP दिल्ली में आखिरी बार 2 दिसंबर 1993 और 3 दिसंबर 1998 के बीच सत्ता में थी, जब राष्ट्रीय राजधानी में 3 मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज रहे। BJP नेताओं का मानना है कि 1998 से सत्ता से बाहर रहने के बाद पार्टी के पास वापसी करने के ‘सबसे अच्छे अवसर’ हैं, क्योंकि उन्हें ‘शीश महल’ और ‘शराब घोटाले’ जैसे भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की छवि को नुकसान पहुंचने और AAP के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर जैसे कारकों पर भरोसा है।
दिल्ली पर आप का 2013 से हैं कब्जा
आप अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जिस पर वह 2013 से काबिज हैं। मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना (Atishi Marlena) कालकाजी सीट से फिर से चुनाव लड़ रही हैं। सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में लगी AAP इस बार के चुनावों को ‘कठिन’ मान रही है। हालांकि, पार्टी नेताओं का कहना है कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की अपने वादों को पूरा करने की ‘विश्वसनीयता’ और दिल्ली (Delhi) में पात्र महिलाओं के लिए 2,100 रुपए मासिक मानदेय जैसी चुनावी घोषणाएं पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगी। आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कल मंगलवार को पार्टी के चुनाव प्रचार गीत ‘फिर लाएंगे केजरीवाल..’ लॉन्च किया, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा कि दिल्ली के लोग BJP की ‘अपमानजनक राजनीति’ के बजाय उनकी पार्टी द्वारा अपनाई गई काम की राजनीति में अपना विश्वास व्यक्त करेंगे।
इस सीट पर हाेगा सबसे दिलचस्प चुनावी मुकाबला
नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और दिल्ली के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटों के बीच दिलचस्प चुनावी मुकाबला होने वाला है। इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं, जबकि कांग्रेस के संदीप दीक्षित तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकीं दिवंगत शीला दीक्षित के बेटे हैं।
BJP और AAP लगा रही एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप
BJP लगातार अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर हमले कर रही है, उन पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है और पिछले 10 सालों में दिल्ली में स्वच्छ पेयजल, अच्छी सड़कें, बसें, सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा, उचित स्वास्थ्य और शैक्षिक सुविधाएं प्रदान करने में आप सरकार की ‘विफलताओं’ को उठा रही है। दोनों दल निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम हटाने और जोड़ने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप में भी लगे हुए हैं। आप नेताओं ने भाजपा पर केजरीवाल के प्रतिनिधित्व वाले नई दिल्ली सहित विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में हजारों आप समर्थकों के वोट हटाने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन दाखिल करने का आरोप लगाया है। दूसरी ओर, भाजपा ने आप पर दिल्ली में अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशी प्रवासियों को दस्तावेज मुहैया कराने और उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
Congress ने AAP की तरह ‘प्यारी दीदी’ योजना की पेश
आप और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप के मध्य कांग्रेस दिल्ली में अपना चुनावी दायरा बढ़ाने की कोशिश कर रही है। 1998 से 2013 तक दिल्ली पर शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी पिछले एक दशक से राजनीतिक वनवास में है। कांग्रेस (Congress) ने नए जोश के साथ दिल्ली की 48 सीटों पर अपने अब तक के ‘सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों’ को मैदान में उतारा है, जिनमें समय बादली से पार्टी की शहर इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव, नई दिल्ली से संदीप दीक्षित, कालकाजी से महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा, वजीरपुर से रागिनी नायक और कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी ने आप की घोषणाओं की तरह अपनी खुद की ‘प्यारी दीदी’ योजना पेश की है, जिसमें सत्ता में आने पर दिल्ली (Delhi) में महिलाओं को 2,500 रुपए प्रति माह देने का वादा किया गया है।
AAP लगातार दाे बार से जीत रही हैं दिल्ली विधानसभा चुनाव
वर्ष 2012 में गठित आप, 2013 के विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण चुनावी प्रदर्शन के साथ दिल्ली के राजनीतिक मानचित्र पर उभरी थी, जिसमें उसने कुल 70 में से 28 सीटें जीती थीं और 29.5 प्रतिशत वोट हासिल किए थे। भाजपा ने तब 32 सीटें और कांग्रेस ने 8 सीटें जीतीं, जिनका वोट प्रतिशत क्रमश 32.3 और 24.6 था। आप के राजनीतिक प्रभुत्व का युग वर्ष 2015 में 54.3 प्रतिशत वोट के साथ जीते गए विशाल जनादेश के साथ शुरू हुआ। साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आप ने प्रचंड बहुमत हासिल किया और पार्टी ने 70 विधानसभा सीटों में से 67 पर जीत हासिल की। भाजपा को तीन सीटें मिलीं, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली, जिसका वोट प्रतिशत क्रमश? 32.2 और 9.7 रहा। 2020 के चुनावों में भी कमोबेश ऐसा ही प्रदर्शन दोहराया गया, जिसमें भाजपा को आठ सीट और 39 प्रतिशत वोट मिले। आप ने 53.6 प्रतिशत वोट के साथ 62 सीटें जीतीं। कांग्रेस फिर से कोई सीट जीतने में विफल रही और उसका वोट प्रतिशत आधा होकर 4.3 प्रतिशत रह गया।