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महाकुंभ में शामिल होने के लिए फ्रांस से भारत आई महिला, भगवान शिव को लेकर कह दी ये बड़ी बात

उत्तर प्रदेश : संगम स्थल पर महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से होने जा रही है और इस मेले में भाग लेने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इस बीच, एक खास खबर यह आई है कि फ्रांस से एक महिला महाकुंभ मेले में भाग लेने के लिए भारत आई हैं।.

उत्तर प्रदेश : संगम स्थल पर महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से होने जा रही है और इस मेले में भाग लेने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से प्रयागराज पहुंच रहे हैं। इस बीच, एक खास खबर यह आई है कि फ्रांस से एक महिला महाकुंभ मेले में भाग लेने के लिए भारत आई हैं। इस महिला का नाम पास्कल है और उनका हिंदू धर्म के प्रति गहरा लगाव है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

हिंदू धर्म और भगवान शिव से गहरा लगाव

आपको बता दें कि पास्कल ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्हें हिंदू धर्म और भगवान शिव से बहुत प्यार है। उनका कहना था, “मुझे हिंदू धर्म और भगवान शिव से बहुत लगाव है, और इस लगाव को व्यक्त करने के लिए मुझे किसी कारण की आवश्यकता नहीं है, यह भावना सीधे मेरे दिल से आती है।” उन्होंने यह भी बताया कि उनका यह लगाव 1984 से शुरू हुआ था, जब वह पहली बार भारत आई थीं। इस दौरान उनके अनुभवों ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि वह अब साधु बनने के बारे में भी सोच रही हैं।

हिंदू धर्म का गहरा ज्ञान

पास्कल केवल हिंदू धर्म से जुड़े नहीं हैं, बल्कि वे इसके बारे में गहरी जानकारी भी रखती हैं। उन्होंने कहा, “मुझे समुद्र मंथन और अमृत की बूंदों के बारे में भी पूरी जानकारी है। मुझे कुंभ मेले के महत्व के बारे में भी बहुत कुछ पता है।” इससे साफ है कि वह हिंदू धर्म के प्रतीकों और मान्यताओं को अच्छी तरह से समझती हैं। बता दें कि फ्रांस से आई पास्कल ने यह भी बताया कि उन्हें भारत में साधु और संतों से मिलकर बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने अपने गले में पहनी रुद्राक्ष की माला दिखाते हुए कहा, “यह माला मेरे एक दोस्त ने मुझे गिफ्ट दी थी, और इसे पहनने से मुझे लगता है कि यह मेरी रक्षा करती है।”

महाकुंभ मेले की व्यवस्थाओं की सराहना

वहीं महाकुंभ के दौरान की गई व्यवस्थाओं की पास्कल ने जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “महाकुंभ अद्भुत है। यहां करोड़ों लोग आ रहे हैं और मैं बहुत सुरक्षित महसूस कर रही हूं। यहां सभी सुविधाएं मुफ्त हैं—खाना, पानी और यहां तक कि सोने की व्यवस्था भी। सभी व्यवस्थाएं बहुत अच्छे से की गई हैं।” पास्कल का महाकुंभ 2025 और हिंदू धर्म के प्रति लगाव उनके भारत के प्रति गहरे आकर्षण को दर्शाता है। उनका अनुभव न केवल भारतीय संस्कृति को समझने में रुचि दिखाता है, बल्कि महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में भाग लेने के उनके प्रयासों को भी प्रेरणादायक बनाता है।

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