Railway Historical Record Mauni Amavasya : मौनी अमावस्या के अवसर पर भारतीय रेलवे ने प्रयागराज से श्रद्धालुओं की सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए 364 ट्रेनों का संचालन किया। यह महाकुंभ मेले के दौरान एक दिन में चलाई गई ट्रेनों का नया रिकॉर्ड है। इन ट्रेनों में 142 नियमित ट्रेनें और 222 महाकुंभ मेला स्पेशल ट्रेनें शामिल थीं। इसके अलावा, रेलवे ने 77 इनवर्ड ट्रेनों का भी संचालन किया, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को संगम स्नान के बाद अपने गंतव्य तक पहुंचने में सुविधा मिली।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी रेल भवन स्थित वॉर रूम से स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं। राज्य सरकार के साथ समन्वय में ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, सीईओ और तीनों रेलवे जोन के जीएम मेला प्रशासन और राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि श्रद्धालुओं की यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया जा सके।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने बड़े होल्डिंग क्षेत्र बनाए हैं, जहां यात्री आराम से बैठकर अपनी ट्रेन का इंतजार कर सकते हैं। प्रशासन के निर्देशों के अनुसार यात्रियों को इन क्षेत्रों से रेलवे स्टेशन की ओर रवाना किया जा रहा है। रेल मंत्री ने यात्रियों से प्रशासन के दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की हैं।
उत्तर मध्य रेलवे ने इस अवसर पर आने-जाने वाली कुल 280 ट्रेनों का संचालन किया, जबकि पूर्वोत्तर रेलवे ने 73 और उत्तर रेलवे ने 88 ट्रेनों का संचालन किया। उत्तर मध्य रेलवे ने सबसे अधिक 157 महाकुंभ मेला स्पेशल ट्रेनें चलाईं, जबकि उत्तर रेलवे ने 28 और पूर्वोत्तर रेलवे ने 37 ट्रेनों का संचालन किया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षित और सुगम वापसी सुनिश्चित करने के लिए रेलवे आज 360 विशेष ट्रेनों का संचालन कर रहा है। महाकुंभ मेले की पूरी अवधि में रेलवे द्वारा 13,450 ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई गई है, जिसमें 10,028 नियमित ट्रेनें और 3,400 से अधिक विशेष ट्रेनें शामिल हैं। अब तक 1,900 से अधिक विशेष ट्रेनें संचालित की जा चुकी हैं।
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि सभी ट्रेनें योजना के अनुसार ही चलाई जा रही हैं। पूर्व में दी गई जानकारी के आधार पर कुछ ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है, जबकि कुछ ट्रेनों का टर्मिनल स्टेशन प्रयागराज से बदलकर सूबेदारगंज कर दिया गया है। भारतीय रेलवे के इस अभूतपूर्व प्रयास से श्रद्धालुओं को निर्बाध और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिला।